आज की ताजा खबर : Aaj Ki Taza Khabar, 27 नवंबर 2021 आज की ताजा खबर और समाचार हिंदी में
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Aaj Ki Taza Khabar 27 november 2021: आज 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर गांव खापड़, छात्तर व खरक गादिया के पीड़ितों ने शहर में थाली बजाकर रोष प्रदर्शन करते हुए सोए हुए प्रशासन और हरियाणा सरकार को जगाने का काम किया और धरना स्थल से लेकर बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर चौंक तक हरियाणा के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकाली और फिर वापिस धरना स्थल पर आकर कोर्ट के बाहर मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के पुतलों का दहन किया फिर एस पी जीन्द से मिलकर ज्ञापन पत्र दिया। धरना संचालक दिनेश खापड़ ने बताया कि देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता, समानता और आजादी का अधिकार देता है लेकिन देश आजादी के 74 साल बाद भी आज के समय में भी गांव खापड़ व छात्तर के अनुसूचित जाति समाज के लोगों का सर्वण समाज के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर रखा है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है गैरकानूनी है। इसलिए विरोध स्वरूप पीड़ित परिवार जीन्द में न्याय के लिए और आरोपियों की गिरफ्तारी करवाने के लिए धरने पर बैठे हैं इसलिए आज संविधान दिवस के मौके पर थाली बजाकर रोष प्रदर्शन करते हुए हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री का पूतला दहन किया क्योंकि हरियाणा सरकार सामाजिक बहिष्कार करने वाले सर्वण समाज के आरोपियों को गिरफ्तारी से बचाने का काम कर रही है और पीड़ितों को न्याय से वंचित कर रही है।
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विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार 26 नवंबर को कहा कि देश के किसानों ने हम सभी को यह सिखाया है कि धैर्य के साथ अधिकार के लिए कैसे लड़ना है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ''आज किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने गर्मी-सर्दी, बरसात-तूफान के साथ अनेक साजिशों का भी सामना किया। देश के किसान ने हम सबको सिखा दिया कि धैर्य के साथ हक की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है। किसान भाइयों के हौसले, साहस, जज्बे और बलिदान को मैं सलाम करता हूं।'' मीडिया रिपोर्टस के दिल्ली के अनुसार मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि किसानों की जो भी मांगे हैं हम उसका पूरा समर्थन करते हैं। अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसानों की MSP की मांग जायज है। किसानों पर जितने भी झूठे मामले दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। किसान आंदोलन के दौरान जिन 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है उनके परिवारों को भी उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि किसान जब तक वहां बैठें हैं। हम उनके साथ हैं। किसान तय करेंगे कि वो वहां से कब उठेंगे।
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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर देशभर के 20 राज्यों के 478 जिलों में सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर 8 लाख से अधिक जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर संविधान दिवस मनाया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 5 करोड़ से अधिक बच्चों ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया और अपने अधिकार और कर्तव्य पूरे करने की शपथ भी ली। संविधान दिवस के अवसर पर किसी भी गैर-सरकारी संगठन द्वारा पहली बार इतने अधिक बच्चों तक पहुंचा गया। दूसरी ओर इतने बड़े पैमाने पर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले वंचित से लेकर विशेषाधिकार सम्पन्न बच्चों तक को संविधान की प्रस्तावना का पहली बार एक साथ मिल कर पाठ कराया गया। केएससीएफ द्वारा बच्चों के संविधान पाठ के इस कार्यक्रम का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली, राज्य मुख्यालय और जिला से लेकर गांव स्तर तक आयोजित किया गया। जिसमें निजी और सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी और चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन, विधिक सेवा प्राधिकरण समेत बाल मित्र ग्राम, बाल मित्र मंडल सहित अन्य कई संस्थानों के 4,21,28,681 बच्चों ने हिस्सा लिया। इसमें बड़े पैमाने पर दूर दराज के अति पिछड़े इलाके में रहने वाले बच्चों से लेकर आदिवासी, वंचित और हाशिए के बच्चे भी शामिल हुए।
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किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बनकर सामने आए है। बता दें कि लंबे समय से चल रहे आंदोलन के दौरान एक समय ऐसा आया जब उसकी धाक कमजोर पड़ती दिखाई दी। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे किसानों पर प्रशासनिक कार्रवाई की कोशिश हुई पर राकेश टिकैत अपने इरादों से टस से मस नहीं हुए और इस दौरान उनकी आंखों में 'आंसू' होने की तस्वीरें और वीडियो मीडिया में छा गई और इसने किसानों के इस आंदोलन को एक नई 'धार' दी।
किसान आंदोलन को देश और मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश में फैलाने के लिए राकेश टिकैट ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और वो कई मंचों से सरकार को ललकारते और चेतावनी देते हुए नजर आए। इस तरह किसानों के आंदोलन का वो सबसे बड़ा चेहरा बन गए। बता दें कि राकेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत भी अपने समय के सबसे बड़े किसान नेता थे।
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भारत (India) में करीब 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते (Stray Dogs) 91 लाख आवारा बिल्लियां (Stray Cats) हैं और देश की 77 परसेंट आबादी का कहना है कि वे हफ्ते में कम से कम से कम एक बार आवारा कुत्ते को देखते हैं। यह बात एक नयी रिपोर्ट में सामने आई है। 'द स्टेट ऑफ पेट होमलेसनेस इंडेक्स डेटा डेटा फॉर इंडिया' (The State Of Pet Homelessness Index Data For India) के रिपोर्ट ने आवारा पशुओं की बढ़ती आबादी के आकड़ों का भी खुलासा किया। यह देश के 'ऑल पेट्स वांटेड' के स्कोर में नीचे है। यानी कि भारत ने 10 अंकों के पैमाने पर 2.4 अंक के पैमाने पर 2.4 अंक हासिल किए है। रिपोर्ट के आकड़ों के अनुसार लगभग 68 प्रतिशत यानी लगभग 10 में से 7 आबादी ने कहा है कि वे सप्ताह में कम से कम एक बार एक आवारा कुत्ते को देखते हैं। नए सूचकांक के मुताबिक देश में करीब आठ करोड़ आवारा बिल्लियां और कुत्ते है। इसमें 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते और 91 लाख आवारा बिल्लियां शामिल हैं। इसके साथ ही शेल्टर होम में 88 लाख आवारा कुत्ते और बिल्लियां हैं।
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