चम्पावत की भोजनमाता को AAP ने की नौकरी की पेशकश, दलित सांसद टम्टा भी पहुंचे स्कूल
बच्चों को समझाने की बजाय स्कूल के अधिकारियों ने दलित महिला को ही नौकरी से निकालकर समाज में नफरत फैलाने वाले लोगों को बढ़ावा दिया है...
चम्पावत। दलित भोजनमाता ( Dalit Bhojanmata ) के हाथ से बने मिड-डे-मील को सवर्ण बच्चों द्वारा खाने से इनकार के बाद चर्चित हुआ राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग का मामला उत्तराखंड सरकार ( Uttarakhand Government ) के गले की हड्डी बनता जा रहा है। दलित बनाम सवर्ण का रूप ले चुके इस मुद्दे पर अब राजनैतिक दलों ने इसे भारतीय जनता पार्टी को घेरने का हथियार बना लिया है। आम आदमी पार्टी ( AAP ) और कांग्रेस ने मुद्दे को हाईजैक करना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी ( CM Pushkar Singh Dhami ) की सरकार को दलित विरोधी बताते हुए नौकरी से निकाली गई दलित भोजनमाता सुनीता को नौकरी देने की पेशकश की है।
अधिकारियों ने दिया नफरत को बढ़ावा
Uttarakhand में BJP सरकार ने स्कूल की दलित भोजनमाता को हटाया!
— AAP (@AamAadmiParty) December 25, 2021
दिल्ली की Kejriwal सरकार सुनीता जी को नौकरी देगी।
मुख्यमंत्री @pushkardhami को दलित महिला को हटाने की जगह बच्चों को समझाना चाहिए था लेकिन उन्होंने जातिवाद को बढ़ावा दिया।
- श्री @AdvRajendraPal pic.twitter.com/1x0UFCOzIR
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाल गौतम ( Rajendra Pal Gautam ) ने उत्तराखंड के सरकारी स्कूल में हुए छुआछूत के मामले पर भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार को घेरते हुए शनिवार को कहा कि सरकारी स्कूल में दलित भोजनमाता द्वारा बनाए गए मिड डे मील को ऊंची जाति के छात्रों ने खाने से इंकार करने पर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने दलित भोजनमाता सुनीता देवी को ही काम से ही निकाल दिया। राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बच्चों को समझाने की बजाय स्कूल के अधिकारियों ने दलित महिला को ही नौकरी से निकालकर समाज में नफरत फैलाने वाले लोगों को बढ़ावा दिया है। सुनीता को नौकरी से निकालने का मतलब जातिवाद को बढ़ावा देना है।
दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार सुनीता को भोजन माता के रूप में नियुक्ति देगी। मैं दिल्ली का महिला एवं बाल विकास मंत्री होने के नाते सुनीता को न्योता देता हूं कि वह दिल्ली आए और दिल्ली की सरकार उनको भोजन बनाने का काम देगी।
बच्चों के अंदर न भरें जातिवाद का जहर
दूसरी तरफ शनिवार को ही राज्यसभा सदस्य व कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा भी जीआईसी सूखीढांग पहुंच गए। उन्होंने एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, सीईओ आरसी पुरोहित, डीईओ बेसिक सत्यनारायण व बीईओ अंशुल बिष्ट के साथ मौजूद ग्राम प्रधानों व अभिभावकों से बात की। इस दौरान टम्टा ने अभिभावकों से कहा कि बच्चे निर्दोष हैं। उनके अंदर इस तरह जातिवाद का जहर न भरें। इस नफरत व घृणा को रोकें। यह हमारे समाज के लिए अच्छा नहीं है। यह बच्चे कल तक साथ पढ़ते खाते पीते थे और आगे भी ऐसे ही रहेंगे। आपसी रंजिश को बच्चों तक पहुंचने दें।
ग्रामीणों ने दिया सांसद टम्टा का साथ
सांसद टम्टा की बात का ग्रामीणों व अभिभावकों ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति अब नहीं आएगी। इस विवाद को आपस में सुलझाकर बहिष्कार के इस वातावरण को दूर करेंगे।टम्टा ने अधिकारियों को लपेटते हुए कहा यह सब विभाग की गलती से हो रहा है। पहली विज्ञप्ति में संसोधन के बाद जब दूसरी विज्ञप्ति जारी की गई और नियुक्ति नियमानुसार हुई है। अगर एप्रुवल नहीं लिया गया है तो उसे ठीक करें। यदि नियुक्ति सही है तो अधिकारियों की गलती की सजा महिला को क्यों दे रहे हैं। नियुक्ति सही है तो उसे बहाल करें।
सीएम धामी के आदेश पर डीआईजी करेंगे मामले की जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा प्रकरण की जांच डीआईजी को सौंपे जाने पर एसपी के निर्देश पर चल्थी चौकी प्रभारी देेवेंद्र बिष्ट विद्यालय पहुंचकर दोनों पक्षों के लोगों को मौके पर ही बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। उन्होंने प्रधानाचार्य से भी पूरे प्रकरण की जानकारी ली। अभी तक कि जानकारी के अनुसार डीआईजी सोमवार तक खुद सूखीढांग आ सकते हैं।
उम्र अधिक होने का हवाला देकर शकुंतला को क्यों निकाला?
चौकी प्रभारी देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच शुरू कर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए। एसएमसी और पीटीए के प्रस्ताव रजिस्टर भी देखे गए। जांच रिपोर्ट एसपी को भेजी जा रही है। सामान्य वर्ग के अभिभावकों का कहना है कि सबसे पहले भोजन माता के रूप में कार्यरत शकुंतला देवी को उम्र अधिक होने का हवाला देते हुए गलत तरीके से निकाल दिया गया। इसके बाद पुष्पा भट्ट का भोजन माता के रूप में चुनाव किया गया, लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने मानकों को ताक में रखते हुए सुनीता देवी को भोजन माता के पद पर नियुक्त कर दिया।
मामले को रफा-दफा करने में जुटा प्रशासन
फिलहाल, सरकार के लिए किरकिरी बन चुके इस मामले के निस्तारण के लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह सक्रिय हो गया है। जिसके तहत शनिवार को सरकारी छुट्टी होने के बाद भी महकमे के अफसर हल करने में जुटे रहे। डीएम चम्पावत के निर्देश पर विद्यालय पहुंचे एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की। लम्बी वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद को खत्म करने के लिए उनके बीच आम सहमति बनाई गई। शनिवार को आयोजित इस बैठक में टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, सीईओ आरसी पुरोहित, सीओ अशोक कुमार, तहसीलदार पिंकी आर्या सहित अन्य अधिकारी मौजूद हुए। विद्यालय में ही दोनों पक्षों के लोगों को बुलाकर बैठक की। बैठक में दोनों पक्षों के लोगों ने जातिगत भेदभाव से उपर उठकर पूर्व की भांति आपसी भाईचारे के साथ समाज तथा बच्चों की बेहतरी के लिए कार्य करने का निर्णय लिया।
3 सदस्यीय समिति करेगी जांच
बैठक में तय किया गया कि भोजनमाता भर्ती प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी, जो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। कमेटी में एक अनुसूचित जाति के सक्षम अधिकारी, एक राजपत्रित अधिकारी और एक महिला अधिकारी को शामिल किया जाएगा। बैठक में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया। इसके साथ ही तय किया गया कि ग्राम प्रधान जौल की ओर से अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष को भेजा गया शिकायती पत्र वापस लेते हुए ग्राम वार्ड सदस्य भी अपना त्यागपत्र वापस लेंगे जो कि उन्होंने इस विवाद के चलते दे दिया था।