यूपी: 1 साल में जहरीली शराब से करीब 200 लोगों की हुई मौत, प्रियंका ने पूछा माफियाओं पर क्यों मेहरबान सरकार?

जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अलीगढ़ में अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी हैं....

Update: 2021-08-27 06:57 GMT

(जहरीली शराब से मौतों पर रोक लगाने में नाकाम प्रशासन)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जहरीली शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा रही है। अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत की खबर है जबकि आगरा जिले में बीते चार दिन के भीतर 10 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गयी है। कई लोगों की हालत गंभीर है।

खबरों के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश में नवंबर 2020 से अबतक नौ महीने के भीतर करीब 176 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। हालांकि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया है कि इस साल जहरीली शराब पीने से यूपी में लगभग 200 मौते हो चुकी हैं। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया है कि शराब माफिया जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं, पत्रकारों व पुलिस पर हमला कर रहे हैं लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। 

यह पहला मौका नहीं है जब अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें हुईं हों। इससे पहले इसी साल अलीगढ़ के टपपल और अकबराबाद इलाके में जहरीली शराब पीने बड़ी संख्या में मौतें हुईं थीं। जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला 28 मई 2021 को शुरू हुआ था और करीब एक सप्ताह तक चलता रहा। इस दौरान प्रशासन ने सिर्फ 35 लोगों की मौत की वजह जहरीली शराब माना। जबकि 105 से ज्यादा शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ था। हालांकि प्रशासन ने कहा था कि जैसे-तैसे बिसरा रिपोर्ट में जहरीली शराब से मौत की पुष्टि की जाएगी, वैसे ही मृतकों की संख्या बढ़ती रहेगी।

केवल अलीगढ़ ही नहीं इस साल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जहरीली शराब से मौतों के मामले सामने आए हैं। आइए कुछ प्रमुख शराब कांडों के बारे में जानते हैं।

आजमगढ़ जिले में 12 मई 2021 को जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गयी थी। शराब पीने के बाद इन लोगों की आंख की रोशनी कम होने की शिकायत सामने आयी थीं और फिर इनकी मौत भी हो गईं। इस शराब कांड को लेकर आबकारी और सिविल पुलिस के अधिकारी कर्मचारी सस्पेंड किए गए थे।


इसी तरह प्रयागराज में 17 मार्च 2021 को जहरीली शराब कांड सामने आया था। यहां 14 लोगों की मौत हो गई थी। प्रयागराज में ही एक महीने पहले एक-एक करके जहरीली शराब से 16 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि इन मौतों का न पोस्टमॉर्टम हुआ और न ही प्रशासन ने माना था कि इन लोगों की मौतें शराब पीने से हुई हैं। 

इसी साल मार्च के महीने में चित्रकूट में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 15 से ज्यादा लोगों की तबियत बिगड़ गई थी जिनका अस्पताल में उपचार हुआ था। इस मामले में जब देशभर में चर्चा होने लगी तो राजापुर के एसडीएम राहुल कश्यप सीएओ रामप्रकाश और इंस्पेक्टर अनिल कुमार समेत 11 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया। 

अंबेडकर नगर में इसी साल 10 मई को जहरीली शराब से पांच लोगों की मौत हुईं थीं। पांचों लोगों की एक दिन के भीतर मौत हुई थीं। पुलिस ने जांच में पाया था कि मिलावटी शराब देहात क्षेत्र में लाई गई जिसे पीने से मौतें हुई थीं।

 

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