3 विदेशी फंड के खाते फ्रीज, अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिरे

ये तीन फंड सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं और मॉरीशस से अपना कामकाज चलाते हैं। ये तीनों पोर्ट लुई में एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी कोई वेबसाइट नहीं है....

Update: 2021-06-15 08:18 GMT

(इन विदेशी फंड के पास अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर हैं)

जनज्वार डेस्क। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) की ओर से 3 विदेशी फंड के अकाउंट फ्रीज किए जाने के बाद 14 जून को अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 5 से 18 फीसदी तक गिर गए। ये फंड अडानी ग्रुप की कंपनियों के शीर्ष हिस्सेदारों में शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइजेज और निफ्टी 50-सूचीबद्ध अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन के शेयरों में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।

एनएसडीएल ने अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खातों को फ्रीज कर दिया है। इसकी वेबसाइट पर फ्रीज का कारण बताए बिना यह जानकारी दी गई है। यह खबर भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी की अगुआई वाले अडानी ग्रुप के लिए काफी भारी पड़ रही है।

इन विदेशी फंड के पास अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर हैं। एनएसडीएल की वेबसाइट के मुताबिक इन अकाउंट्स को 31 मई को या उससे पहले फ्रीज किया गया था। इस खबर के बाद भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कपंनियों में भारी गिरावट देखी जा रही है। अडानी की 6 में से 5 कंपनियों इस खबर के बाद लोअर सर्किट लग गया।

इन तीनों की अडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है।

कस्टोडियन बैंकों और विदेशी निवेशकों को हैंडल कर रही लॉ फर्म्स के मुताबिक इन विदेशी फंड्स ने बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी होगी। इस वजह से उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है।

एक अधिकारी ने बताया कि अमूमन कस्टोडियन अपने क्लाइंट्स को इस तरह की कार्रवाई के बारे में आगाह कर देते हैं, लेकिन अगर फंड इस बारे में जवाब नहीं देता है या इसका पालन नहीं करता है तो अकाउंट्स को फ्रीज किया जा सकता है। अकाउंट फ्रीज करने का मतलब है कि फंड न तो कोई मौजूदा सिक्योरिटीज बेच सकता है और न ही नई खरीद सकता है।

ये तीन फंड सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं और मॉरीशस से अपना कामकाज चलाते हैं। ये तीनों पोर्ट लुई में एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी कोई वेबसाइट नहीं है।

कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने 2019 में एफपीआई के लिए केवाईसी डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था। फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था। सेबी का कहना था कि नए नियमों का पालन नहीं करने वाले फंड्स का अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी। इनमें कॉमन ऑनरशिप का खुलासा और फंड मैनेजर्स जैसे अहम कर्मचारियों की पर्सनल डिटेल शामिल थी।

इस खबर के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में भारी गिरावट आई। उनकी कई कंपनियों में लोअर सर्किट तक लग गया। बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती एक घंटे के कारोबार के भीतर ही कंपनी के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई थी, जिसकी वजह से अडानी की संपत्ति में 7.6 अरब डॉलर यानी 55 हजार करोड़ रुपये की कमी आई। अंत में एनएसई पर अदानी एंटरप्राइजेज का शेयर 5.70 फीसदी नीचे 1,510.35 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 1,601.60 के स्तर पर बंद हुआ था।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों पर ओनरशिप के बारे में पर्याप्त जानकारी न देने की वजह से कार्रवाई की गई है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बेनिफिशियल ओनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है।

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