किसानों से सीधे खरीद और जमाखोरी के आरोपों से तिलमिलाए अडाणी, अखबारों में विज्ञापन देकर दी सफाई

विज्ञापन के माध्यम से अडाणी समूह ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है....

Update: 2020-12-18 13:36 GMT

नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच किसानों ने देशभर में रिलायंस और अडाणी ग्रुप के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। कई जगह देश के सबसे अमीरों में से एक मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की कंपनियों के उत्पादों का बहिष्कार भी किया जा रहा है। वहीं इस प्रदर्शन के बीच अडाणी समूह खुद के बचाव की मुद्रा में आ गई है। अडाणी समूह ने उत्तर भारतीय और पंजाब प्रकाशनमों में विज्ञापन के जरिए अपनी सफाई पेश की है। 

पंजाब प्रकाशनों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापनों में अडाणी समूह ने लोगों से इस कथित दुष्प्रचार अभियान के खिलाफ आवाज उठाने को कहा है। अडाणी ने उनके खिलाफ चल रहे अभियान को दुष्प्रचार के साथ ही झूठा भी करार दिया, जिसमें चल रहे किसान आंदोलन के बीच यह कहा जा रहा है कि अडाणी किसानों से सीधे तौर पर खरीद करता है और जमाखोरी करता है। यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि अडाणी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग के जरिए किसानों का शोषण कर रहे हैं। इसके अलावा अडाणी द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के बारे में भी खूब बाते हो रही हैं।

इस बीच विज्ञापन के माध्यम से अडाणी समूह ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है।

Full View

एफसीआई किसानों से खाद्यान्न खरीदता है और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्मित साइलो में इन्हें संग्रहित करता है। निजी कंपनियों को खाद्यान्न भंडार स्थान के निर्माण और भंडारण के लिए शुल्क का भुगतान किया जाता है, लेकिन इन जिंसों के स्वामित्व के साथ-साथ इसके विपणन और वितरण का अधिकार, एफसीआई के पास है।

अडाणी समूह ने कहा है कि वह किसानों से अनाज खरीदने में संलग्न नहीं है और न ही वह अनुबंध खेती में शामिल है। इसके अलावा यह बात भी स्पष्ट की गई है कि वह कृषि भूमि का अधिग्रहण भी नहीं करते हैं।

अडाणी समूह ने कहा है कि वह न तो किसानों से खाद्यान्न खरीदते हैं और न ही खाद्यान्न का मूल्य तय करते हैं। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़ी कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह केवल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए अनाज भंडारण के साइलो विकसित करती है और इसे संचालित करती है।

कंपनी ने स्पष्ट करते हुए कहा, अनाज के भंडारण और मूल्य निर्धारण की मात्रा तय करने में कंपनी की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा और बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है।

Tags:    

Similar News