ADR Report : 5 साल में 1.29 करोड़ मतदाताओं ने दबाया 'नोटा', 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में UP टॉप पर
ADR Report : देश में पिछले पांच साल में आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 1.29 करोड़ मतदाताओं ने 'नोटा' का विकल्प चुना, गैर-सरकारी संगठन 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी...
ADR Report : देश में पिछले पांच साल में आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 1.29 करोड़ मतदाताओं ने 'नोटा' का विकल्प चुना। गैर-सरकारी संगठन 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने 2018 से 2022 के दौरान विभिन्न चुनावों में 'नोटा' (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प के तहत डाले गए वोटों की संख्या का विश्लेषण किया।
सबसे जयादा बिहार में चुना गया नोटा का विकल्प
रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में राज्य विधानसभा चुनावों में नोटा के तहत और औसतन 64 लाख 53 हजार 652 वोट डाले गए। वहीं लोकसभा चुनाव में बिहार के गोपालगंज सीट पर सबसे अधिक 51 हजार 660 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जबकि लक्ष्यदीप लोकसभा सीट पर सबसे कम 100 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है।
रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा चुनावों के दौरान 2020 में 2 राज्यों में सर्वाधिक 1.46 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना है, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव में 7 लाख 6 हजार 252 लोगों ने नोटा दबाया जबकि दिल्ली में 43 हजार 108 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।43,108 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
2022 के विधानसभा चुनाव में UP टॉप पर
इसके मुताबिक, 2022 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में नोटा का विकल्प चुना गया। इनमें 0.70 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना, जिसमें गोवा में 10,629, मणिपुर में 10,349, पंजाब में 1,10,308, उत्तर प्रदेश में 6,37,304 और उत्तराखंड में 46,840 मतदाताओं ने ईवीएम में नोटा का बटन दबाया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक 7 लाख 42 हजार 134 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना वही 2018 की मिजोरम विधानसभा चुनाव के दौरान मोटा के तहत सबसे कम 2 हजार 917 वोट डाले गए।
आपराधिक छवि वाले कैंडिडेट पर सबसे ज्यादा दबा नोटा
इसके मुताबिक, 2018 में छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जोकि 1.98 फीसदी रहा। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2020 और मिजोरम विधानसभा चुनाव, 2018 में नोटा के तहत सबसे कम प्रतिशत यानी 0.46 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। एडीआर के मुताबिक, 2018 से लेकर अब तक विधानसभा चुनावों के दौरान ऐसी सीटों पर 26,77,616 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना, जहां चुनाव लड़ रहे तीन या इससे अधिक उम्मदीवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे थे।