Advice to Journalists : एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों से देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के माहौल के बीच की ये बड़ी अपील

Advice to Journalists : ईजीआई की ओर से कहा गया है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के बड़े खेल में खुद को 'मोहरा' नहीं बनने दें पत्रकार

Update: 2022-04-19 13:00 GMT

Advice to Journalists : सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के बड़े खेल में खुद को 'मोहरा' नहीं बनने दें पत्रकार : एडिटर्स गिल्ड

Advice to Journalists : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने देश के संपादकों (Editors) और पत्रकारों (Journalists) से देश में सांप्रदयिक अशांति (Communal Violence) के माहौल में अत्यधिक संयम बरतने और देश के विभिन्न हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की रिपोर्ट करने में उच्चतम पेशेवर मानकों का पालन करने की अपील की है।

गिल्ड की ओर से पत्रकारों से यह अपील की गयी है कि प्रत्येक पत्रकार को निष्पक्षता, तटस्थता और संतुलन बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए। उन्हें ध्रुवीकरण के बड़े खेल में खुद को मोहरा नहीं बनने देना चाहिए। गिल्ड की ओर से यह भी कहा गया है कि पत्रकारिता के कई महान उद्देश्य हैं और साथ ही पेशेवर दायित्व भी हैं।

ईजीआई (EGI) की ओर से कहा गया है कि ईजीआई दंगा जैसी स्थितियों में घटनास्थल से रिपोर्टिंग (Reporting) करने में पत्रकारों के सामने क्या खतरे होते हैं उससे अवगत है। पर एक दूसरा पक्ष भी है जिस पर ध्यान देना जरूरी है कि कि समुदायों के बीच झड़पों की हाल फिलहाल में जो रिपोर्टिंग की गयी है उनमें मूल्यांकन और प्रस्तुति में उचित परिश्रम की कमी देखी गयी है। यह विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक (Electronic), डिजिटल (Digital) और सोशल मीडिया (Social Media) में की गयी रिपोर्टिंग में सामने आया है।

एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि यह समझा जा सकता है कि हर समाचार समुह किसी घटना की सबसे पहले रिपोर्टिंग करना चाहता है। हर कोई दर्शकों और श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहता है। इस ऐसा करने में तथ्यों को परखे बिना किसी खास मुद्दे पर संपादकों और पत्रकारों की ओर से किसी खास पक्ष की झुकाव दिखाना कतई सही नहीं है।

एडिटर्स गिल्ड की ओर से यह भी कहा गया है कि इसका स्थायी प्रभाव हो सकता है। जैसा कि देश में साम्प्रदायिक हिंसा के एक के बाद एक हुई घटनाओं से पता चलता है। ज्यादातर घटनाएं शायद ही कभी सतह पर दिखाई देती हैं। ऐसी घटनाओं में राजनेताओं, पुलिस, अधिकारियों और कई अन्य वर्गों की क्या भूमिका होती है यह किसी से छिपा नहीं है। इसलिए एक पत्रकार या संपादक होने के नाते यह बहुत जरूरी है कि हम अपने व्यक्तिगत अनुभव और दृष्टिकोण को न्यूज़ रूम में ना लाएं।

अफवाहों को हवा न देकर सामाजिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने में मदद करने में एक पत्रकार के रूप में हमें हर संभव योगदान देना चाहिए। एक पत्रकार के रूप में हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार ना हो ना ही एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के खिलाफ खड़ा हो। गिल्ड की ओर से यह कहा गया है कि एक पेशेवर पत्रकार के लिए यही सही दायित्व है।

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