मथुरा के बाद लखनऊ और कानपुर में डेंगू व वायरल फीवर का हमला, अस्पतालों में नहीं है जगह, आप ऐसे बरतें सावधानी!

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ब्रज क्षेत्र में बीते दस दिन में 102 ने दम तोड़ा है तो कानपुर में गुरुवार को पांच लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 300-400 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं...

Update: 2021-09-03 11:32 GMT

(हैलट के बालरोग विभाग में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे)

जनज्वार। कोविड-19 (Covid-19)) पर हालिया नियंत्रण के बाद अब उत्तर प्रदेश में वायरल फीवर सहित डेंगू पांव पसार रहा है। ब्रज क्षेत्र से शुरू हुए वायरल फीवर तथा डेंगू ने कानपुर और लखनऊ को भी चपेट में ले लिया है। बीते 24 घंटे में कानपुर व लखनऊ के सभी सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग भर्ती में हुए हैं। जिनमें अधिकांशता बच्चे हैं।

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, कानपुर देहात में कहर बरपाने के बाद वायरल फीवर व डेंगू ने कानपुर, लखनऊ सहित आस-पास के जिलों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इससे अब तक कई मौतें भी सामने आई हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ब्रज क्षेत्र में बीते दस दिन में 102 ने दम तोड़ा है तो कानपुर में गुरुवार को पांच लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 300-400 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।

लखनऊ में डेंगू लगातार पैर पसारता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में यहां चार नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुूई है। इनके नमूने बलरामपुर अस्पताल में लिए गए थे। रैपिड जांच में डेंगू की पुष्टि के बाद एलाइजा जांच के लिए इसे भेजा गया था। गुरुवार को इन चारों मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

फैजुल्लागंज में डेंगू के लक्षणों वाले 30 से अधिक नए मरीज मिले हैं। वहीं विभिन्न अस्पतालों की ओपीडी में 250 से अधिक बुखार पीडि़त सामने आए हैं। डाक्टरों के अनुसार टायफाइड और वायरल बुखार इन दिनों काफी ज्यादा हो रहा है। फैजुल्लागंज में 30 से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं। इनमें 15 बच्चे भी शामिल हैं।

वायरल फीवर से संक्रमित बच्चे

लखनऊ के बलरामपुर के साथ सिविल तथा भाउराऊ देवरस अस्पताल में डेंगू तथा वायरल फीवर की चपेट में आने वाले लोगों को भर्ती किया जा रहा है। ज्यादातर मरीजों को तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त की भी समस्या है। बलरामपुर, सिविल, लोहिया, रानी लक्ष्मीबाई, भाऊराव देवरस, लोकबंधु इत्यादि अस्पतालों की ओपीडी बुखार के मरीजों से फुल चल रही है।

निजी अस्पतालों और क्लीनिक पर भी बुखार पीडि़तों की संख्या 20 फीसद तक बढ़ गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं है। लोकबंधु अस्पताल के फिजीशियन डा. संजीव कुमार ने बताया कि डेंगू और वायरल बुखार से मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।

गोंडा में भी वायरल फीवर तथा डेंगू बुखार के मामले बड़ी संख्या में आने के बाद जिले में खलबली मची है। गोंडा में आज मुख्यमंत्री बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा भी करेंगे। गोंडा में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के मामले सामने आए हैं। वायरल बुखार, डायरिया, निमोनिया के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

कानपुर मेडिकल कालेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंन्त राव ने जनज्वार को बताया कि, 'वैसे तो रहस्यमय बुखार के बारे में पता नही चल पा रहा है, लेकिन सीजनल फीवर मानकर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। एक-एक बेड में 2 से 3 बच्चो को रखकर इलाज किया जा रहा है। जल्द ही और बेड की व्यवस्था की जायेगी।'

डेंगू से बचने के लिए करें यह उपाय

बुखार से पीड़ित बच्चे को स्ट्रेचर पर खींचता पिता
  • अपने आस-पास पानी का जमाव न होने दें। अगर कहीं पानी का जमाव है तो उसमें केरोसिन डालें।
  • घर का बना शुद्ध व ताजा भोजन करें।
  • पीने का पानी का स्रोत अच्छा नहीं है तो उसे उबालकर पिएं
  • मच्छरों से बचने का हर उपाय करें।
  • पानी अधिक पिएं। ताजा और मौसमी फल तथा हरी सब्जियां जरूर खाएं।
  • हल्की कसरत या योग करें।
  • इस मौसम में नारियल के पानी का भी सेवन करें।
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