रामनगर में आदमखोर बाघ के हमले में विक्षिप्त की मौत के बाद हाइवे से 200 मीटर दूर जंगल से आधी-अधूरी लाश हुई बरामद
12 दिसंबर की रात करीब साढ़े सात बजे एक खूंखार बाघ इसी इलाके में घूमने वाले एक विक्षिप्त व्यक्ति का नेशनल हाइवे से ही शिकार कर जंगल में खींच ले गया था। जिस जगह पर बाघ ने यह हमला किया था, वहां पर बाघ के हमले के लक्षण और खून के धब्बे देखने के बाद लोगों ने संदेह के आधार पर इसकी खबर वन विभाग को देते हुए किसी व्यक्ति के वन्य जीव द्वारा शिकार बने जाने का अंदेशा जताया था...
Ramnagar news : कॉर्बेट नेशनल पार्क और रामनगर वन प्रभाग के जंगल के बीच से होकर गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309 पर मोहान और धनगढ़ी के बीच एक नाले के पास बाघ के हमले का शिकार बने विक्षिप्त व्यक्ति का क्षत विक्षत शव दुर्गम जंगल में करीब 15 घंटे की कांबिंग के बाद बरामद कर लिया गया है। वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया है।
मालूम हो कि रामनगर में कार्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे राष्ट्रीय राजमार्ग पर धनगढ़ी के पास सोमवार 12 दिसंबर की रात करीब साढ़े सात बजे एक खूंखार बाघ इसी इलाके में घूमने वाले एक विक्षिप्त व्यक्ति का नेशनल हाइवे से ही शिकार कर जंगल में खींच ले गया था। जिस जगह पर बाघ ने यह हमला किया था, वहां पर बाघ के हमले के लक्षण और खून के धब्बे देखने के बाद लोगों ने संदेह के आधार पर इसकी खबर वन विभाग को देते हुए किसी व्यक्ति के वन्य जीव द्वारा शिकार बने जाने का अंदेशा जताया था।
इस सूचना पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पाण्डे और रामनगर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देशन में दोनो प्रभागों के वनकर्मियों ने सोमवार की देर रात अंधेरे में ही एक सर्च अभियान चलाया था। लेकिन जंगल के घनघोर अंधेरे की वजह से उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई थी। अलबत्ता कुछ देर के इस सर्च अभियान के दौरान ही वनकर्मियों को यहां बड़े हादसे का अनुमान लग गया था। रात के गहराते अंधेरे में वनकर्मियों ने सर्च अभियान को सस्पेंड कर दिया था। जिसे मंगलवार की सुबह दुबारा शुरू किया गया।
मंगलवार 13 दिसंबर को चलाए गए अभियान के दौरान वनकर्मियों को विक्षिप्त का आधा खाया हुआ शव राजमार्ग से करीब दो सौ मीटर नीचे रामनगर वन प्रभाग की सीमा में कोसी रेंज के घने जंगल के पास बह रही कोसी नदी के किनारे से बरामद कर लिया गया। हमलावर बाघ अपने इस शिकार का एक पैर खा चुका था। मौके पर मिले कपड़े व मृतक के हुलिये से मृतक के विक्षिप्त होने की पुष्टि हुई है। बाघ के हमले में जान गंवाने वाले विक्षिप्त का शव बरामद होने के बाद वन विभाग व पुलिस ने उसका पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए पुलिस की सुपुर्दगी में दिए जाने की बात चल रही है।
इस मामले में वनाधिकारियों का कहना है कि सोमवार शाम को विक्षिप्त व्यक्ति मोहान वन चौकी पर घूम रहा था। उसे कुछ लोगों ने वापस लौटा दिया था, लेकिन बाद में उसके द्वारा जंगल के नजदीक चले जाने पर उसे बाघ ने अपना निवाला बना लिया। बता दे कि इससे पहले भी बाघ सड़क पर घूम रहे विक्षिप्तों को अपना शिकार बना चुका है।