Manipur horror : मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाये जाने के बाद हैवानियत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, मोदी सरकार को दी कड़ी चेतावनी
Manipur horror : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, "सांप्रदायिक संघर्ष के क्षेत्र में लैंगिक हिंसा भड़काने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना बेहद परेशान करने वाला है। यह मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है...
Manipur Violence : कल 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें 2 महिलाओं की पहले नग्न हालत में परेड करायी जा रही है और उसके बाद उनके साथ बलात्कार किये जाने की खबर है। मानवता को शर्मसार करने वाले इस वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि हिंसा के साधन के बतौर महिलाओं को इस्तेमाल किया जाना बहुत घृणित है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर सुनवाई से पहले अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट में उपस्थित होने को कहा। उनकी मौजूदगी में सीजेआई ने कहा कि "हम उन वीडियो से बहुत परेशान हैं, जो मणिपुर में दो महिलाओं की परेड के बारे में सामने आए हैं। हम अपनी गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाकर कार्रवाई करे, यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।"
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, "सांप्रदायिक संघर्ष के क्षेत्र में लैंगिक हिंसा भड़काने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना बेहद परेशान करने वाला है। यह मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है। कोर्ट इस तथ्य से अवगत है कि वीडियो 4 मई का है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम राज्य और केंद्र सरकार को कार्रवाई करने के लिए थोड़ा समय देंगे अन्यथा हम हस्तक्षेप करेंगे।"
सीजेआई ने अपराधियों पर मुकदमा दर्ज किये जाने के लिए मई के बाद से अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण देने का आदेश दिया और चेतावनी दी कि यह पता किया जाये कि इस पर राज्य सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई। जो भी मीडिया और सोशल मीडिया में दिखाया जा रहा है वह इंसानी जिंदगी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। किसी लोकतांत्रिक देश में महिलाओं के साथ ऐसे अपराध स्वीकार नहीं। केंद्र और राज्य सरकार इस बारे में हमें जानकारी दे। साथ ही सीजेआई ने कहा, "कौन जानता है कि यह अलग-थलग था या कोई पैटर्न है।"
सीजेआई ने आदेश दिया कि "न्यायालय मणिपुर में महिलाओं पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के अपराध के बारे में कल से मीडिया में आए वीडियो के दृश्यों से बहुत परेशान है। हमारा विचार है कि न्यायालय को उठाए गए कदमों से अवगत कराया जाना चाहिए। सरकार अपराधियों को जवाबदेह बनाएगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि मणिपुर में संघर्ष में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं। मीडिया में दिखाए गए दृश्य गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को दर्शाते हैं। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक लोकतंत्र में तनावपूर्ण माहौल बिल्कुल अस्वीकार्य है। हम केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वे अदालत को यह बताने के लिए तत्काल कदम उठाएं कि क्या कार्रवाई की गई है।'