Breaking News : किसानों के आगे झुकी मोदी सरकार, दिल्ली में आने की देनी पड़ी इजाजत

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पंजाब और हरियाणा के विभिन्न इलाकों से राजधानी दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं, सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को रोकने की पूरी कोशिश की गई लेकिन वह उन्हें रोकने में असफल हो रही है...

Update: 2020-11-27 08:38 GMT

नई दिल्ली। किसान और पुलिस प्रशासन के बीच लगातार बढ़ती टकराहट के बीत केंद्र की मोदी सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा है। पुलिस दावा कर रही है कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पंजाब और हरियाणा के विभिन्न इलाकों से राजधानी दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। इस दौरान किसान आंदोलनकारियों को रास्ते में ही रोकने के लिए पुलिस की ओर से हर तरह की कोशिश की जा रही थी। पुलिस बल की ओर से कहीं बैरीकैड लगाए गए तो कहीं कटीले तार बिछाए गए, कहीं बड़े आकार के पत्थर सड़कों पर लगा दिए तो कहीं रेत के ढेले भी लगा दिए गए हैं, कहीं गढ्ढे खोदे गए। लेकिन आखिरकार प्रदर्शनकारियों को आने की इजाजत देनी पड़ी है। 

पुलिस की ओर से हालांकि वार्ती की  बात कही गई है लेकिन अब भी किसानों पर आसू गैस के गोले छोड़े जा रही हैं और पानी की बौछारे की जा रही हैं। पुलिस आसू गैस के गोलों से किसानों को चोटें आई हैं, वहीं प्रदर्शनकारियों की ओर से जवाबी पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की संभावना है। केंद्र की मोदी सरकार और खट्टर सरकार ने समय रहते किसानों से बात कर  ली होती और उनकी मांगों को समझ लिया होता तो आज देश और जनता की अरबों न संपत्ति बर्बाद होती और न किसान व जवान घायल होते। 

ताजा जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर फिर किसानों पर आसू गैस के गोले छोड़े गए हैं और पानी की बौछारें की जा रही हैं। वहीं दिल्ली के बुराड़ी मैदान में किसानों को आने की अनुमति दे दी गई है। 

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