Agneepath Protest News : रोजगार के मुद्दे पर बेअसर साबित हुआ मोदी का छलावा, उत्तर से दक्षिण तक अग्निपथ की आग
Agneepath Protest News : अग्निपथ योजना ( Agneepath Scheme ) के खिलाफ देशभर में जारी विरोध बेरोजगारी की भयावहता को दिखाता है। मोदी सरकार ( Modi Government ) को इसे समय रहते समझने की जरूरत है।
Agneepath Protest News : केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना ( recruitment in Indian Army ) में भर्ती के लिए घोषित अग्निपथ योजना ( Agneepath Scheme ) का विरोध चरम पर पहुंच गया है। देशभर में एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों में प्रदर्शनकारी आग लगा चुके हैं। तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस फायरिंग में एक शख्स के मौत की भी सूचना है। इसके बावजूद छात्रों को प्रदर्शन थमने के बजाय और ज्यादा उग्र होता जा रहा है।
आलम यह है कि देश के उत्तर से लेकर दक्षिण तक छात्र सड़कों पर उतर आये हैं। यानि अग्निपथ की आग ( Agneepath Ki Aag ) देशभर में फैल चुकी है। मामले को थामने के बजाय सरकार की ओर से इस योजना के लाभ गिनाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ छात्रों का कहना है कि यह मोदी सरकार ( Modi Government ) की ओर से रोजगार के नाम पर एक और छलावा (eyewash ) है। इस बार हम अन्य योजनाओं की तरह छलावे नहीं आएंगे। न ही चुन बैठेंगे। छात्रों का कहना है कि हम केंद्र द्वारा इस योजना को वापस लेने के बाद ही धरना-प्रदर्शन बंद करेंगे। यानि एक बार फिर देशभर में माहौल खराब होने के आसार ज्यादा हैं। अंतर केवल इतना है कि इस बार सड़कों पर देश के किसान नहीं बल्कि बेरोजगार युवा और छात्र होंगे।
किन-किन राज्यों में अग्निपथ की आग
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना ( Agneepath Scheme ) के खिलाफ अभी तक बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना में बड़े पैमाने हिंसक घटनाओं का सिलसिला जारी है। अन्य राज्यों में भी इस योजना के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। देश के जिन शहरों में अग्निपथ योजना को लेकर उग्र प्रदर्शन जारी है उनमें समस्तीपुर, मोहिउद्दीननगर, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, खगड़िया, आरा, छपरा, औरंगाबाद, बिहिया, हाजीपुर, लखीसराय, दानापुर, बक्सर, बेगूसराय, भागलपुर, पटना, पश्चिम चंपारण, नवादा, वैशाली, बेतिया, मोतिहारी, मधेपुरा, शिवहर, जमुई, हावड़ा, कोलकाता, मालदा, उत्तर 24 परगना, बलिया, वाराणसी, फिरोजाबाद, बल्लभगढ़, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नारनौल, हलद्वानी, चित्तौरगढ़, भरतपुर, सिकंदराबाद, दिल्ली जैसे शहर शामिल हैं।
युवाओं के निशाने पर क्यों हैं भाजपा नेता?
दरअसल, भाजपा नेताओं की गलथोथी यानि हर मुद्दे पर अपनी बात को सही ठहराने और दूसरों को गलत साबित करने की 2014 चली आ रही रणनीति या जिद से अब युवा और छात्र भी ऊब चुके हैं। राष्ट्रवाद और हिंदूवाद के मुद्दे पर तो देश के युवा धैर्य का परिचय देते रहे, लेकिन अब और सहने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि सेना की भर्ती योजना को देश के युवा सरकारी नौकरी के बदले मोदी सरकार की ओर से पेश एक नया छलावा मान रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि चार साल का वजीफा अगर सरकारी नौकरी है तो आजादी के बाद से पीजी के बाद शोध करने वाले हजारों छात्रों को जेआरएफ और एसआरएफ दिया जाता है, तो क्या हर शोधकर्ता छात्र उसे प्रोफेसर की नौकरी मान ले। मोदी और उनके मंत्रियों की युवाओं को धोखा देने की इसी रणनीति को छात्र हजम नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि बिहार ( Bihar ) में भाजपा ( BJP ) के दोनों डिप्टी सीएम रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद और भाजपा बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कुछ विधायकों के आवास पर छात्र हमला बोल चुके हैं। इसके बावजूद मोदी के मंत्री गिरिराज सीख लेने को तैयार नहीं हैं। लौरिया के भाजपा विधायक विनय बिहारी के गाड़ी पर प्रदर्शनकारी हमला तक बोल चुके हैं।
अग्निपथ की आग से दिल्ली मेट्रो भी सुरक्षित नहीं
देश युवाओं को रोजगार देने के नाम पर मोदी सरकार ( Modi government ) के अग्निपथ योजना ( Agneepath ) की आग अब राजधानी दिल्ली मेट्रो के दरवाजे तक दस्तक दे चुकी है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय व देश के कई विश्वविद्यालयों में अपनी पकड़ के लिए चर्चित छात्र संगठन आइसा ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि इस मुद्दे पर वो और चुप रहने को तैयार नहीं है। आइसा के छात्रों ने दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार को बता दिया है कि उनका इरादा क्या है? छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने आईटीओ मेट्रो एंट्री गेट को बंद एहतियातन बंद कर दिया। इतना ही नहीं, दिल्ली के ढासा मेट्रो स्टेशन पर भी छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए एंट्री गेट को बंद करने की सूचना है। आइसा ने साफ कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार सेना में भर्ती की इस योजना को प्रतिष्ठा का सवाल न बनाए तो बेहतर रहेगा।
पीएम नहीं समझते जनता का मूड, सिर्फ मित्रों की आवाज है उन्हें कबूल
पिछले तीन दिनों में 30 घंटे से ज्यादा समय तक ईडी के सवालों का सामना कर चुके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का तेवर अभी भी सख्त हैं। उन्होंने ट्विटकर बताया है कि अग्निपथ योजना को नौजवानों ने नकारा, कृषि कानूनों को किसानों ने नकारा, नोटबंदी को अर्थशास्त्रियों ने नकारा और जीएसटी को व्यापारियों ने नकारा है। देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते। ऐसा इसलिए कि उन्हें अपने 'मित्रों' की आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।
बेरोजगारी की गहराई को समझने के लिए तैयार नहीं केंद्र सरकार
Agneepath Protest News : तेलंगाना में टीआरएस विधायक केटी रामाराव ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में जारी विरोध बेरोजगारी की भयावहता को दिखाता है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि केंद्र सरकार पहले देश के किसान के साथ खिलवाड़ और अब देश के जवान के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू है।
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