Agnipath Recruitment Scheme : क्या अब सैनिक भी करेंगे संविदा पर नौकरी, मोदी सरकार की 4 साल नौकरी का क्या है पूरा सच
Agnipath Scheme : सरकार के नए प्रस्ताव से कोई फौजी दुश्मनों से लड़ते हुए अपने जीवन को दांव पर लगाने से झिझकेगा। यूक्रेन की फौज भाड़े के सैनिकों की तरह लड़ रहे हैं। आगामी वर्षों में भारतीय सेना का भी वही हाल होगा।
Agnipath Recruitment Scheme : भारतीय सेना ( Indian Army ) में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ( Modi government ) की ओर से घोषित योजना का खुलकर विरोध होने लगा है। यूपी, बिहार और राजस्थान में अग्निपथ योजना ( Agnipath Recruitment Scheme ) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निपथ योजना ( Agnipath Scheme ) की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार को जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गया। युवाओं के लिए चिंता की बात ये है कि वो चार साल बाद वो क्या करेंगे? अगर नौकरी केवल चार साल के लिए है तो देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान को दांव पर क्यों लगाएं।
युवा हो रहे भ्रम के शिकार
युवाओं के लिए चिंता की बात ये है कि सरकार की ओर से अग्निवीर योजना ( Agniveer Scheme ) को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। अभी तक जो सूचनाएं उभरकर सामने आई हैं उससे बरोजगार युवा खुश होने के बदले भ्रम के शिकार ज्यादा हो रहे हैं।
क्या संविदा पर नौकरी करेंगे?
सरकार की ओर से अग्निपथ योजना ( Agnipath Scheme ) की घोषणा के बाद से अहम सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि देश की सुरक्षा में जान देने के लिए भर्ती होने वाले सैनिक भी अब संविदा पर नौकरी करेंगे। अगर ऐसा हुआ कोई अपनी जान नहीं देना चाहेगा। सभी चाहेंगे कि किसी तरह चार साल पूरा करें और अपने घर चलते बनें। ऐसे में देश की सुरक्षा में जान देने वाले सैनिक नहीं मिलेंगे और वक्त पर सीमा की रक्षा पहले की तरह नहीं हो पाएगा। ऐसा इसलिए कि सीमा की रक्षा हर सैनिक प्रतिबद्धता के दम पर करता है। इस योजना से उसी प्रतिबद्धता को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना है।
आरा, बक्सर, बेगूसराय सहित कई शहरों में प्रदर्शन
इस योजना के विरोध में बिहार में प्रदर्शनकारियों ने बक्सर में रेलवे ट्रैक जाम किया तो मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में आगजनी की और सड़क जाम कर दी। इसके अलावा आरा में भी जमकर बवाल मचाया। पुलिस और GRP ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन वे योजना को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी तरह यूपी और राजस्थान में इस योजना का विरोध शुरू हो गया है।
फौजी जिंदगी को दांव पर लगाने से बचेगा
कर्नल प्रमोद शर्मा का कहना है कि हिंदुस्तान की आर्मी, नेवी और और एयरफोर्स का लंबा और गौरव पूर्ण इतिहास रहा है। जब कोई फौजी फौज ज्वाइन करता है तो अपनी पलटन को अपना घर समझ कर के दुश्मनों से लोहा लेता है। इस प्रस्ताव के अंदर वो अपने को भाड़े का सैनिक मानेगा जो सरासर मुल्क के सुरक्षा के विपरीत है।
सियासी हित साधने की कोशिश
सरकार के नए प्रस्ताव से कोई फौजी दुश्मनों से लड़ते हुए अपने जीवन को दांव पर लगाने से झिझकेगा। यूक्रेन की फौज भाड़े के सैनिकों की तरह लड़ रहे हैं। आगामी वर्षों में भारतीय सेना का भी वही हाल होगा। कुल मिलाकर केंद्र सरकार ये भर्ती 2024 के मद्देनजर कर रही है।
Agnipath Recruitment Scheme : बता दें कि युवाओं को सेना से जोड़ने और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ स्कीम की घोषणा की है। वहीं पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत अगले तीन में महीने में युवाओं की भर्ती शुरू हो जाएगी। इसके बाद उन्हें 10 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें चार साल की सेवा के लिए भेजा जाएगा।