Agnipath Scheme Ki Agnipriksha : अग्निपथ के खिलाफ शांतिपूर्ण और सांकेतिक प्रर्दशन करने के बावजूद युवा हल्ला बोल के नेताओं को हिरासत में लिया गया

Agnipath Scheme Ki Agnipriksha : मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। सेना अभ्यर्थियों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है और इस युवा विरोधी योजना को वापस लेने की मांग हो रही है...

Update: 2022-06-16 15:10 GMT

Agnipath Scheme Ki Agnipriksha : अग्निपथ के खिलाफ शांतिपूर्ण और सांकेतिक प्रर्दशन करने के बावजूद युवा हल्ला बोल के नेताओं को मंदिर मार्ग थाने में हिरासत में रखा गया

Agnipath Scheme Ki Agnipriksha : बेरोजगारी के खिलाफ़ चल रहा देश व्यापी आंदोलन युवा हल्ला बोल के नेता अनुपम को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। साथ ही संदीप फौजी, गोविंद मिश्रा, ऋषव रंजन, प्रशांत कमल, दिव्यांश चहल, हिमांशु तिवारी, आकाश महतो, अर्जुन मिश्रा को भी हिरासत में ले लिया गया।

मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। सेना अभ्यर्थियों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है और इस युवा विरोधी योजना को वापस लेने की मांग हो रही है।

इसी क्रम में मेरठ में भी भारी संख्या में सेना अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। शहर में दस किलोमीटर मार्च करके प्रदर्शनकारी आयुक्त कार्यालय पहुँचे। आयुक्त कार्यालय का घेराव करते हुए अपनी मांगों से अवगत कराया गया।

मार्च के दौरान 'युवा हल्ला बोल' के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा, महासचिव रजत यादव और प्रशांत कमल भी शामिल हुए। प्रशांत कमल ने अभ्यर्थियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि हर विरोध संवैधानिक एवं शांतिपूर्ण ढंग से करना चाहिए।

रजत यादव ने कहा कि मोदी सरकार को यह युवा विरोधी नीति वापिस लेना पड़ेगा और नियमित भर्तियों को शुरू करना पड़ेगा। रजत ने ये भी कहा कि 3 साल सेना भर्ती न निकाले जाने के कारण भारी संख्या में युवा ओवरएज हो गए हैं। इसलिए सरकार को नयी भर्ती में क्षतिपूरक अवसर भी देना चाहिए।

गोविंद मिश्रा ने बताया कि 3 साल से रुकी पड़ी सेना भर्ती को जल्द शुरू करने को लेकर 'युवा हल्ला बोल' संस्थापक अनुपम ने पिछले महीने ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था।

अनुपम ने कहा है कि यह योजना युवा विरोधी ही नहीं, सेना विरोधी भी है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उचित नहीं है। साथ ही योजना के सार को समझाते हुए अनुपम कहते हैं कि इससे तो एक ऐसा तंत्र विकसित हो जाएगा जिसमें ट्रेनिंग सेना देगी और सेवा पूंजीपति लेंगे।

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