Agricultural Law : अब एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर अड़े किसान, 32 किसान संगठनों की बैठक आज, आ सकता है अहम फैसला

कृषि कानूनों की वापसी के बाद आज 32 किसान संगठनों के नेताओं की आज बैठक होने वाली है। इस बैठक में एमएसपी, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों, और शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा दिलाने के मुद्दे पर किसान नेता विचार करेंगे।

Update: 2021-11-20 04:29 GMT

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नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों की वापसी ( Agriculture Laws Repealed ) के बावजूद मोदी सरकार को किसान आंदोलन से राहत मिलने की उम्मीद कम है। अब किसान संगठनों के नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर कानून बनाने की मांग करने लगे हैं। इस मुद्दे पर दिल्ली बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की आज बैठक ( Kisan Leaders Meet ) होने वाली है। इस बैठक में एमएसपी, शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजे और अन्य लंबित मुद्दे पर किसान संगठनों के नेता अहम फैसला ले सकते हैं। कयास लगाए ला रहे हैं कि किसान संगठनों के नेता मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही मुद्दे पर कानून चाहते हैं।

बता दें कि पीएम मोदी ( PM Modi ) ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक साल से ज्यादा समय से कृषि कानूनों ( Farm Laws ) का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन ( Kisan Andolan )  खत्म करने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने किसानों से अपने खेत व परिवार के बीच लौटने का आह्वान किया था। पीएम ने कहा था कि अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।


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संसद से कानून वापसी के बाद ही आंदोलन खत्म करेंगे किसान

मोदी सरकार ( Modi Government ) के इस फैसले का कुछ किसान संगठनों ने स्वागत किया है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ( Sanyukta Kisan Morcha ) ने आंदोलन खत्म नहीं करने का एलान किया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। संसद सत्र में कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसके बाद ही किसान आंदोलन खत्म करेंगे।

बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) पर गारंटी कानून और किसानों से संवाद करने के लिए कमेटी बनाई जाए। टिकैत ने कहा कि 10 हजार से ज्यादा किसानों पर मुकदमे दर्ज हैं उसका क्या होगा? मीठी भाषा को बातचीत में बदलवा करने की जरूरत है।

सत्य की जीत है

कृषि कानूनों की वापसी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह सत्य की जीत है। हम किसानों के साथ हमेशा से रहे हैं और आगे भी कांग्रेस का साथ देते रहेंगे।

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