कृषि विधेयक: किसानों ने इंडिया गेट पर ट्रैक्टर फूंका, युवा कांग्रेस ने ली जिम्मेदारी
युवा कांग्रेस से संबंधित ये किसान ट्रैक्टर को एक ट्रक में रखकर लाए थे और इंडिया गेट पर उतार कर उसे फूंक दिया। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी भी की। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग को बुझाया और इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर को यहां से हटा दिया।
जनज्वार। आज सुबह किसानों ने कृषि विधेयकों के विरोध में दिल्ली के इंडिया गेट पर एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। युवा कांग्रेस से संबंधित ये किसान ट्रैक्टर को एक ट्रक में रखकर लाए थे और इंडिया गेट पर उतार कर उसे फूंक दिया। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी भी की। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग को बुझाया और इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर को यहां से हटा दिया।
पुलिस के अनुसार, आज सुबह करीब 7:15 और 7:30 के बीच 15-20 लोग केंद्रीय दिल्ली में जमा हो गए और इंडिया गेट के सामने पुराने ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कांग्रेस के समर्थन में नारेबाजी करने का दावा भी किया है। घटना के वीडियो में किसानों को 'सरदार भगत सिंह अमर रहे' के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। प्रदर्शन में शामिल रहे कई किसानों ने पगड़ियां पहनी हुई थीं।
पंजाब युवा कांग्रेस प्रमुख बरिंदर ढिल्लों ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ट्वीट किया, 'हम कड़ा संदेश भेजना चाहते थे कि प्रदर्शन दिल्ली में होने चाहिए क्योंकि मामला केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से संबंधित है। अहंकारी मोदी को अपनी आवाज सुनाने के लिए किसानों को इंडिया गेट और संसद को कब्जे में करना होगा। आज का प्रदर्शन प्रतीकात्मक था और हम इसकी जिम्मेदारी लेते हैं।' उन्होंने प्रदर्शन से संबंधित कुछ तस्वीरें भी ट्वीट की हैं।
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन विधेयक लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन बिलों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
इन कृषि विधेयकों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में हो रहा है और पंजाब में किसान पिछले बुधवार से रेल रोको आंदोलन चला रहे हैं। रविवार को भी उनका ये प्रदर्शन जारी रहा और किसान अमृतसर-दिल्ली रेलने लाइन पर प्रदर्शन पर बैठ गए।
आज खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह विधेयकों के विरोध में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव में धरने पर बैठेंगे। भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल भी इन विधेयकों का विरोध कर रही है।