चरणों में आहुति : मंत्री स्वाति सिंह पहुंची बालिका गृह तो अधीक्षक ने झुककर लिया आशीर्वाद, हो रही जगहंसाई

मंत्री स्वाती सिंह कल्याणपुर स्थित बालिका गृह पहुँची तो वहां मौजूद अधीक्षक ने खट से झुककर उनके पैर छू लिए। पांव छूने के साथ ही अधीक्षक ने यह परिपाटी भी खत्म करने की कोशिश भी की जो अभी तक कहा जाता था कि ठाकुरों के लिए ब्राहमण पूज्यनीय होते हैं...

Update: 2021-06-16 02:49 GMT

कानपुर के राजकीय बालिका गृह पहुँची राज्यमंत्री स्वाती सिंह के अधीक्षक ने खट से पैर पकड़कर लिया आशीर्वाद.

जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में नेताओं मंत्रियों के चरण पखारते आज तक आपने बहुतेरे अफसरों-अधिकारियों को देखा होगा। मुलायम सिंह से लेकर मायावती और अब योगी आदित्यनाथ सभी को खूब सेवाभाव दिया जाता रहा है। लेकिन कल मंगलवार जो हुआ वह अपने आप में अलग था।

कानपुर के कल्याणपुर राजकीय बालिका गृह पहुँची बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह के अधीक्षक रामकृष्ण अवस्थी ने पैर छूकर झट से आशीर्वाद ले लिया। सरकारी दौरे पर आईं मंत्री के पैर छूने का यह वीडियो शोसल मीडिया में वायरल हुआ तो अधीक्षक महोदय की जगहंसाई शुरू हो गई।

कानपुर पहुँची राज्यमंत्री स्वाती सिंह ने महिला अपराध रोकने के लिए बनाई गई हेल्पलाइन '181 प्रबल' का जायजा लिया। मंगलवार 15 जून को शहर आई स्वाती सिंह ने 181 हेल्पलाइन की सराहना की। उन्होने कहा कि इससे अधिक से अधिक महिलाओं की मदद हो सकेगी, जिससे घरेलू हिंसा को रोकने में मदद मिलेगी।    

डीसीपी एंटी वूमन क्राईम रवीना त्यागी ने मंत्री को बताया कि योजना के तहत पीड़ित महिलाओं को चिन्हित किया गया है, जिनको कई दफा घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा है। पुलिस अफसर इनके संपर्क में हैं। साथ ही बताया की कंट्रोल रूम में इनका डाटा फीड है।

कमिश्नर कानपुर असीम अरूण ने बताया कि 'प्रबल प्रतिक्रिया के तहत गुरूवार से प्रशिक्षण शुरू होगा। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित कर उन्हें उनकी जिम्मेदारियां बताई जाएंगी, जिससे योजना को बेहतर ढ़ंग से आगे बढ़ाया जा सके साथ ही घरेलू हिंसा पर रोक लगाई जा सके।'

राज्यमंत्री स्वाती सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका में कानपुर के सभी बालिका गृह पहुँचकर बच्चों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया। मंत्री स्वाती सिंह कल्याणपुर स्थित बालिका गृह पहुँची तो वहां मौजूद अधीक्षक ने खट से झुककर उनके पैर छू लिए। पांव छूने के साथ ही अधीक्षक ने यह परिपाटी भी खत्म करने की कोशिश भी की जो अभी तक कहा जाता था कि ठाकुरों के लिए ब्राहमण पूज्यनीय होते हैं।

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