Air Pollution Diwali : गोपाल राय का बीजेपी पर आरोप, कहा जानबूझ कर दी थी पटाखे फोड़ने की सलाह
Air Pollution Diwali : दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है।
Gopal Rai : दिवाली के बाद दिल्ली में बढ़ें प्रदुषण (Air Pollution on Diwali) के स्तर को लेकर गोपाल राय ने भाजपा पर निशाना साधा है। गोपाल राय ने कहा कि कुछ लोगों ने जानबूझकर लोगों से दिवाली त्योहार के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए कहा था। विपक्ष इस बात को कम करके आंक रहा था कि पटाखे फोड़ने से प्रदूषण बढ़ता है। दिल्ली सरकार में वर्तमान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बाद भी दिवाली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है। इसी के साथ गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली का बेस पॉल्यूशन (प्रदूषण का आधार) जस का तस बना हुआ है, केवल दो कारक जुड़े हैं। वो है पटाखे और पराली जलाना।
गोपाल राय ने बीजेपी पर दीपोत्सव पर लोगों को पटाखे फोड़ने की सलाह देने का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार (Delhi Government) में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है।
भाजपा ने करवाया है यह सब : गोपाल राय
'नवभारत टाइम्स' के अनुसार गोपाल राय ने यह अब संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि 'बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे नहीं फोड़े। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर पटाखे फोड़े। भाजपा ने उनसे यह सब करवाया। पराली जलाने की करीब 3500 घटनाएं हुई हैं और इसका असर दिल्ली में दिखाई दे रहा है।' बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली के पीएम2.5 में पराली की हस्सेदारी 36 प्रतिशत है। जो इस मौसम में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी के उच्च स्तर तक गिरी
वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि 'पटाखों के कारण उत्पन्न उत्सर्जन की वजह से दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी के उच्च स्तर तक गिर गई है। जबकि पराली जलाने से हुए उत्सर्जन का हिस्सा आज 36 प्रतिशत पर पहुंच गया है।' गुरुवार को, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली का हिस्सा 25 प्रतिशत था। पिछले साल पांच नवम्बर को दिल्ली के पीएम2.5 पद्रूषण में पराली की हस्सेदारी 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। जबकि साल 2019 में एक नवम्बर को यही आंकड़ा 44 प्रतिशत था।
पराली से कितना प्रदुषण हुआ
दिल्ली के पीएम2.5 में पराली जलाने से पिछले साल दिवाली में 32 प्रतिशत प्रदुषण हुआ था। इसके साथ ही 2019 में प्रदुषण में पराली का योगदान 19 प्रतिशत था। इस साल पराली जलने ले कारण तेजी से धुआं बढ़ रहा था। इसके बाद दिवाली की रात में बड़ी मात्रा में पटाखे फोड़े जाने के कारण शुक्रवार को दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में घनी कोहरे की परत छा गई।
एक्यूआई हुआ गंभीर
गुरुवार की रात दिल्ली प्रदुषण को लेकर गंभीर स्थिति में आ चूका था। उसके बाद भी दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का ऊपर बढ़ना जारी रहा। शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यह 462 दर्ज किया गया। फरीदाबाद में एक्यूआई 460, ग्रेटर नोएडा में 423, गाजियाबाद में 450, गुरुग्राम में 478 और नोएडा में एक्यूआई 466 दर्ज की गई। इसके साथ ही पड़ोसी शहरों में भी दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई।
क्या होना चाहिए एक्यूआई
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। 51 और 100 को संतोषजनक कहा जाता है। वहीं यदि एक्यूआई 101 और 200 के बीच है तो इसे मध्यम गुणवत्ता में नापा जाता है। इसके साथ ही यदि एक्यूआई 201 और 300 है तो इसे खराब श्रेणी में गिना जाता है। वहीं एक्यूआई स्तर 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।