अभी-अभी: बीजेपी को झटका, अकाली दल ने NDA से 22 वर्ष पुराना नाता तोड़ा

इस वक्त की बड़ी खबर यह है कि बीजेपी नीत एनडीए के 22 वर्ष पुराने साथी अकाली दल ने अब नाता तोड़ लिया है, कृषि बिल के विरोध में अकाली दल कोटे से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 9 दिन पहले कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था....

Update: 2020-09-26 17:28 GMT
File photo

जनज्वार। सरकार के कृषि बिल के कारण एनडीए में फूट हो गई थी और अब टूट भी हो गई है। इस वक्त की बड़ी खबर यह है कि बीजेपी नीत एनडीए के 22 वर्ष पुराने साथी अकाली दल ने अब नाता तोड़ लिया है। कृषि बिल के विरोध में अकाली दल कोटे से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 9 दिन पहले कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

 अब शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा का दामन भी छोड़ दिया है। दोनों पार्टियों के बीच किसान बिल को लेकर अनबन चल रही थी।

अकाली दल NDA की हिमायती पार्टी मानी जाती थी और पंजाब असेंबली में ओपोजिशन में थी। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने यह जानकारी दी है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि पंजाब की विरोधी पार्टी के साथ हम गठबंधन नहीं रख सकते।

पिछले कुछ दिनों से पंजाब कांग्रेस अकाली दल पर NDA से अलग होने का दबाव बना रही थी। कांग्रेस का कहना था कि जब कैबिनेट मिनिस्टर के पद से इस्तीफा दे दिया तो अकाली दल अभी भी NDA का हिस्सा क्यों है।

अकाली दल साल 1998 से ही, जब एनडीए का गठन हुआ था, उसी वक्त से एलाइंस का हिस्सा था। उस वक्त तत्कालीन समता पार्टी(अब जदयू), शिवसेना, अन्नाद्रमुक भी इसका हिस्सा बने थे। बाद के दौर में जदयू भी एनडीए से स्लग हुआ औऱ फिर से साथ है, शिवसेना अभी एनडीए से अलग है।

अकाली दल ही एकमात्र दल था, जो साल 1998 से अबतक लगातार एनडीए का हिस्सा था और बीजेपी का साथ दे रहा था। अकाली दल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों का विरोध कर रहा था। इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने भी इस्तीफा दे दोय था।

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