Akar Patel Issue : आकार पटेल मामले में सीबीआई को बड़ा झटका, कोर्ट ने कहा माफी मांगें

Akar Patel Issue : आप को बता दें कि केन्द्रीय जांच एजेंसी की ओर से पटेल के खिलाफ विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के उल्लंघन के एक मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया था...

Update: 2022-04-08 06:06 GMT

Akar Patel Issue : आकार पटेल मामले में सीबीआई को बड़ा झटका, कोर्ट ने कहा माफी मांगें

Akar Patel Issue : दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने सीबीआई (CBI) को तगड़ा झटका दिया है कोर्ट ने सीबीआई की ओर से मानवाधिकार कार्यकर्ता (Human Right Activist) और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (Amnesty International India) बोर्ड के पूर्व प्रमुख आकार पटेल (Akar Patel) के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (Lookout Circular) को वापस लेने का आदेश जारी किया है है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई निदेशक को कहा है कि वे लिखित में आकार पटेल से माफी भी मांगें। अदालत ने आकार पटेल को अमेरिका की यात्रा करने की भी इजाजत दे दी है। दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार (Pawan Kumar) ने आकार पटेल को राहत देते हुए सीबीआई को 30 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया है।

आप को बता दें कि केन्द्रीय जांच एजेंसी की ओर से पटेल के खिलाफ विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के उल्लंघन के एक मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। हालांकि सीबीआई का कहना था कि वो उन्हें गिरफ्तार नहीं करना चाहती है सिर्फ उन्हें देश से बाहर जाने से रोकना चाहती है।

अदालत ने कहा कि सीबीआई के लुकआउट नोटिस जारी करने से याचिकाकर्ता को आर्थिक नुकसान के अलावा मानसिक प्रताड़ना भी झेलना पड़ा है। वहीं आकार पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि जांच अधिकारी के पटेल को यात्रा से रोके जाने से याचिकाकर्ता को उड़ान की टिकटों के में ही 3.8 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

ज्ञात हो कि बीते बुधवार 06 अप्रैल को आकार पटेल बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Bengaluru International Airport) से अमेरिका जाने वाले थे लेकिन उन्हें इमीग्रेशन अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर ही रोक लिया था। उस दौरान पटेल से कहा गया कि उनके खिलाफ 2019 में एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ एक मामले के संबंध में एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।

गौरतल है कि आकार पटेल गुजरात दंगों (Gujrat Riots) को लेकर राइट्स एंड रॉन्ग्स (Rights and Wrongs) नाम की एक रिपोर्ट के सह-लेखक (Co-Writer) भी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर एक किताब प्राइस आफ द मोदी इयर्स (Price of the Modi years) भी लिखी है। इसके अलावा उन्होंने 2016 के नोटबंदी और कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान देशभर में लगाये गये लॉकडाउन के फैसले पर भी सवाल उठाए थे। 

Tags:    

Similar News