Akshay Kumar News : मुगलों के गुणगान से अब अक्षय कुमार को भी दिक्कत बोले- किताबों में पृथ्वीराज का एक पैरा जबकि मुगलों के 100, ऐसा क्यो?
Akshay Kumar News : आपको बता दें कि अपनी नई फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के प्रमोशन के लिए काशी आए अभिनेता अक्षय कुमार ने सोमवार 30 मई को हिन्दुस्तान अखबार से बातचीत में ये बात कही है। हालांकि अपनी बात को संभालते हुए और किसी विवाद से बचने के लिए उन्होंने यह भी कहा है कि मुगल भी हमारे इतिहास के अभिन्न अंग हैं...
Akshay Kumar News : बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने कहा है कि इतिहास की किताबों में मुगलों व ब्रिटिश साम्राज्य की काफी जानकारी मिलती है जबकि पृथ्वीराज चौहान जैसे सम्राटों के बारे में बेहद कम पढ़ाया गया है। किताबों में पृथ्वीराज के लिए एक पैराग्राफ है जबकि मुगलों के सौ पैरे पढ़ाए जाते हैं। उनके इस बयान के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब अक्षर कुमार को देश की हिंदुत्वादी धरे की तरह पाठ्यक्रम में मुगलों के गुनगान से दिक्कत हो रही है।
आपको बता दें कि अपनी नई फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के प्रमोशन के लिए काशी आए अभिनेता अक्षय कुमार ने सोमवार 30 मई को हिन्दुस्तान अखबार से बातचीत में ये बात कही है। हालांकि अपनी बात को संभालते हुए और किसी विवाद से बचने के लिए उन्होंने यह भी कहा है कि मुगल भी हमारे इतिहास के अभिन्न अंग हैं। मगर इतिहास की पढ़ाई संतुलित होनी चाहिए। अगर आप मुगलों और ब्रिटिश को पढ़ा रहे हैं तो 5000 साल तक स्थापित रहे हिंदू साम्राज्यों के बारे में भी पूरी जानकारी देनी चाहिए।
अक्षय ने कहा कि एक एक्टर के तौर पर मैं इसी तरह इतिहास और समाज की सोच में बदलाव का प्रयास कर सकता हूं और यही कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने अपनी फिल्म एयरलिफ्ट, पैडमैन, टॉयलेट और केसरी का भी जिक्र किया। अक्षय ने बताया कि फिल्म के लिए बनाया गया सम्राट पृथ्वीराज का भगवा ध्वज लेकर वह काशी आए हैं। यहां गंगा को यह ध्वज चढ़ाएंगे और जल लेकर सोमनाथ दरबार जाएंगे।
गृहमंत्री अमित शाह 3 जून को सम्राट पृथ्वीराज के प्रीमियर में होंगे शामिल
आपको बता दें कि काशी से गंगाजल लेकर अक्षय कुमार और डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी सोमनाथ जाएंगे। इसके बाद दिल्ली रवाना होंगे। जहां तीन जून को रिलीज हो रही 'सम्राट पृथ्वीराज' के प्रीमियर के दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
आपको बता दें कि इसी बनारस यात्रा के दौरान फिल्म के निर्देशक डॉ. चंप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि 1991 में 'चाणक्य' धारावाहिक बनाते समय उन्हें भगवा ध्वज दिखाने और हर-हर महादेव के नारे लगाने की आजादी नहीं थी। अब ऐसी सरकार है जो हमारी धरोहरों को सामने लाना चाहती है। हमारे पास यही मौका है, हम अब न कह पाए तो कब कहेंगे।
उन्होंने बताया कि शूटिंग के लिए देश में मंदिरों को छोड़कर कहीं भी हिंदू स्थापत्य नहीं मिले। मुंबई में शूटिंग के लिए 36 विशालकाय सेट बनवाकर शूटिंग कराई गई। फिल्म में पात्रों के पहनावे, संवाद और शब्दों पर भी काफी काम हुआ। यहां तक कि 523 प्रकार की पगड़ियां बांधी गई हैं।