Burkapal attack : बुर्कापाल हमले के 121 आरोपियों को NIA कोर्ट ने बताया निर्दोष, 5 साल बाद आदिवासियों को मिला न्याय

एनआईए कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी जगदलपुर केंद्रीय जेल से रिहा।

Update: 2022-07-17 01:57 GMT

 Burkapal attack : बुर्कापाल हमले के सभी 121 आरोपियों को एनआईए कोर्ट ने बताया निर्दोष, 5 साल बाद जेल से रिहाBurkapal attack : बुर्कापाल हमले के सभी 121 आरोपियों को एनआईए कोर्ट ने बताया निर्दोष, 5 साल बाद जेल से रिहा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष कोर्ट ( NIA Special Court ) ने बुर्कापाल हमले ( Burkapal Attack ) के 121 आरोपियों को निर्दोष करार दिया है। सभी आरोपी आदिवासी समाज से आते हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी 120 लोगों को जगदलपुर स्थित केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया है।

आदिवासियों को मिला न्याय

बता दें कि 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुर्कापाल ( Burkapal ) सीआरपीएफ ( CRPF ) कैम्प से 74 बटालियन के जवान दोरनापाल से जगरगुंडा के बीच निर्माण हो रही सड़क को सुरक्षा देने निकले थे। इसी दौरान बुर्कापाल गांव से कुछ दूरी पर ही घात लगाए माओवादियों ने जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद बुर्कापाल और आसपास के 6 गांवों से 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। किसी को नक्सली तो किसी को उनके सहयोगी बताकर पकड़ा गया था। NIA कोर्ट में इसका ट्रायल के बाद फैसला आया है। गिरफ्तार 121 लोगों में 7 नाबालिग थे। इनमें से एक आरोपी की जेल में मौत हो गई थी।

आदिवासियों के वकील बेला भाटिया ने बताया कि दंतेवाड़ा की NIA कोर्ट का फैसला ग्रामीणों के पक्ष में आया है। साक्ष्य न मिलने पर 121 ग्रामीणों को दोषमुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बुर्कापाल का ये केस बस्तर का एक उदाहरण है। यह बताने के लिए कि बस्तर में पुलिस की प्रक्रिया कैसे चलती है। साल 2017 की घटना थी। 2 महीने में 121 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया और कई कठोर धाराएं लगा दीं। 2021 में इसका ट्रायल दंतेवाड़ा NIA कोर्ट में हुआ। कोई ठोस सबूत न मिलने पर ग्रामीणों को दोषमुक्त कर दिया गया है।

ये है पूरा मामला

24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुर्कापाल में CRPF 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण सुरक्षा में निकले थे। जवान खाना खाने बैठे। पहले से घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया था। इस घटना में 25 जवानों की शहादत हुई थी और 7 जवान घायल हुए थे। जबकि एक माओवादी भी मारा गया था। पूरी घटना का वीडियो भी नक्सलियों ने सालभर बाद जारी किया था। मई और जून 2017 में बुर्कापाल और आस-पास के गांवों से 120 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया। बाद में एक महिला को नक्सली बताकर पकड़ा गया। इन 121 लोगों पर UAPA की धारा 38,39, छत्तीसगढ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम धाराएं 8(1)(3)(5) , आर्म्स एक्ट (धाराएं 25, 27) विस्फोटक प्रदार्थ अधिनियम (धाराएं 3, 5), भारतीय दंड संहिता (धाराएं: 147, 148, 149, 120(B), 307, 302, 396, 397) के तहत केस दर्ज किया गया।

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