मोहम्मद जुबैर को अभी तक नहीं मिले लैपटॉप और गैजेट्स, वजह पूछने पर कोर्ट को पुलिस से मिला ये जवाब
ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्म्द जुबैर की याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि जुबैर के गैजेट्स व डॉक्यूमेंट्स को रोहिणी फोरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जांच अभी जारी है।
नई दिल्ली। ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ( AltNews co-founder Mohammad Zubair ) ने जब्त लैपटॉप और गैजेटृस वापस न मिलने पर एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) में याचिका दायर कर जब्त सामान वापस करने की मांग की है। दूसरी तरफ मोहम्म्द जुबैर की याचिका का दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने विरोध किया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि जुबैर के गैजेट्स व डॉक्यूमेंट्स को रोहिणी में फोरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जांच अभी जारी है। पुलिस ने कहा कि जांच के बाद जुबैर अपने गैजेट्स और डॉक्यूमेंट्स को रिलीज करने के लिए कोर्ट जा सकते हैं। बता दें कि 27 जुलाई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने मोहम्मद जुबैर के जब्त सामान वापस करने को लेकर पुलिस से जवाब मांगा था।
मोहम्मद जुबैर मोहम्मद जुबैर ( AltNews co-founder Mohammad Zubair ) की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि मोहम्मद जुबैर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसने पहले ही अपने परिवार के सदस्यों से यह कह दिया था कि अगर उसकी गिरफ्तारी होती है तो मोबाइल फोन व लैपटॉप सहित अन्य गैजेट्स के सारे डेटा डिलीट कर दिए जाएं। दिल्ली पुलिस ने जब इन गैजेट्स को जब्त किया तो उसके सारे डेटा डिलीट कर दिए गए थे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अब उस डेटा को रिकवर करने का काम चल रहा है।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट ( Delhi High court ) बताया कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के बेंगलुरू आवास से गैजेट्स जब्त किए गए थे। इन गैजेट्स से डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने के लिए लैब में लगातार काम चल रहा है। पुलिस ने बताया कि जुबैर ने 2018 में ट्वीट कर लोगों में नफरत फैलाने का काम किया था जिसकी वजह से समाज में शांति भंग हुई।
जुबैर पर है माहौल बिगाड़ने का आरोप
बता दें कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने के अलावा विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में कार्रवाई की थी। ट्वीटर पर कुछ पोस्ट्स करने को लेकर शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने जुबैर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जुबैर पर आईपीसी की धारा 153 यानि माहौल बिगड़ने और उपद्रव होने की आशंका, और धारा 295 मतलब किसी समाज द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तु का अपमान करने का आरोप है।