अंकिता भंडारी के हत्यारोपी पुल्कित आर्य के करीबी पटवारी वैभव प्रताप पूछताछ के बाद गिरफ्तार, नये खुलासे की उम्मीद

इस बात की पूरी संभावना है कि जल्‍द ही कुछ और लोग भी अरेस्‍ट किए जा सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह VVIP कौन था, जिसको स्पेशल सर्विस देने से मना करने पर अंकिता को मौत के घाट उतारा गया था...

Update: 2022-10-01 07:49 GMT

ऋषिकेश। अंकिता भंडारी मर्डर केस में शनिवार 30 सितंबर को चौथी गिरफ्तारी हो गई। शुक्रवार को मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए पटवारी वैभव प्रताप को एसआईटी ने पूछताछ के दौरान उसके बयानों में विरोधाभास होने के कारण गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में वह एसआईटी के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाया। वह अधिकारियों को लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पूरे होमवर्क के साथ पूछताछ में जुटी पुलिस की एसआईटी टीम के सामने वैभव के बयान क्रास चेक से मैच नहीं कर रहे थे। पटवारी की इस गिरफ्तारी के बाद उम्मीद है कि वह पुलिस रिमांड में आने के बाद ही सच उगलेगा।

बताते चलें कि अंकिता हत्याकांड में पटवारी वैभव प्रताप को लापरवाही बरतने पर पहले ही सस्‍पेंड कर दिया गया था। उसके सस्पेंड होने के बाद आई कई कहानियों में वैभव की भूमिका संदिग्ध मिलने पर उससे पहले हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ हुई, जिससे संतुष्ट न होने पर उसकी गिरफ्तारी की गई है। किया गया है। इस बात की पूरी संभावना है कि जल्‍द ही कुछ और लोग भी अरेस्‍ट किए जा सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह वीवीआईपी कौन था, जिसको स्पेशल सर्विस देने से मना करने पर अंकिता को मौत के घाट उतारा गया था।

अंकिता भंडारी मर्डर केस में अभी तक की जांच में यह बात सामने आई कि अंकिता के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास गुमशुदगदी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, तो उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। शिकायत पर रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई थी। पटवारी वैभव प्रताप के मुताबिक बीती 19 सितंबर की रात को दो बजे पुल्कित आर्य उसके पास आया था। पुल्कित आर्य ने उसे अंकिता के गायब होने की खबर दी थी।

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इस पर उसने यह कहकर एफआईआर दर्ज नहीं की कि लापता होने के 24 घंटे बाद ही रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है। वैभव प्रताप ने बताया कि उन्होंने पुलकित को सलाह दी कि वह इस बारे में अंकिता के पिता को सूचित करे। हालांकि, उसने पहचान के लिए अंकिता का फोटो या फिर आधार कार्ड मांगा था। इसके बाद वह तहसीलदार से अप्रूवल मिलने के बाद छुट्टी पर चला गया था।

इसके अलावा इस केस में एक नया अपडेट यह है कि चीला बैराज से एक मोबाइल भी बरामद किया गया है। इस बात की संभावना है कि यह वही मोबाइल हो सकता है, जो गिरफ्तार पुल्कित आर्य के बयान के अनुसार उसका था और अंकिता ने उसे चीला बैराज में फेंक दिया था। यही यह मोबाइल पुल्कित का ही निकला तो इससे कुछ और सनसनीखेज खुलासे होने की उम्मीद है।

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