अर्णब गोस्वामी को बेल पर ट्विटर पर ट्रेंड कर गया, #भाग_ठाकरे_अर्नब_आया, उद्धव की हिटलर से कर रहे तुलना
अर्णव गोस्वामी के समर्थक उनको बेल मिलने को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी की वजह बनना बता रहे हैं और कह रहे है कि रिपब्लिक टीवी का टीआरपी पर अब शीर्ष पर पहुंच जाएगा...
जनज्वार। रिपलिब्क न्यूज चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से आर्किटेक्ट अन्वय नायक आत्महत्या मामले में बुधवार को जमानत मिलने के बाद ट्विटर पर #भाग_ठाकरे_अर्नब_आया ट्रेंड कर रहा है। शाम सात बजे तक इस हैशटैग पर शाम सात बजे तक 1.68 लाख से अधिक ट्वीट किए जा चुके हैं। इससे जुड़ा एक और हैशटैग #भाग_ठाकरे भी ट्रेंड कर रहा है। ठाकरे यानी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे।
इस हैशटैग पर अधिकतर वैसे लोग ट्वीट कर रहे हैं जो अर्णब गोस्वामी के समर्थक हैं और उनकी पत्रकारीय शैली को पसंद करते हैंै। लोग अर्णब को जेल से बाहर आने को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए खतरा बता रहे हैं और उनकी टीवी एकरिंग की शैली की तारीफ कर रहे हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि अब रिपब्लिक टीवी का टीआरपी आज सर्वाेच्च स्तर पर पहुंच जाएगा।
मालूम हो कि अर्णब के समर्थक केंद्र सरकार को भी उनकी मदद नहीं करने पर सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी दे रहे थे और कह रहे थे कि ऐसा नहीं करने पर आप फिर नहीं जीतेंगे। ये कथित हिंदुत्ववादी हैं जो अतिवाद की अपनी शैली में उस सरकार व पार्टी को भी निशाने पर ले लेते हैं जिसका समर्थक खुद को बताते हैं।
अर्णब गोस्वामी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अपने चैनल के कवरेज में महाराष्ट्र सरकार व महाराष्ट्र पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठाया और आखिर आते-आते वे राजनीतिक पार्टी की तरह उद्धव ठाकरे व उनकी पार्टी शिवसेना के खिलाफ स्टैंड ले लिया।
कुछ अर्णव समर्थक इस हैशटैग पर लोगों से पूछ रहे हैं कि आप अब रिपब्लिक पर अर्णव का शो देखने के लिए कितने उत्साहित हैं। वहीं, कुछ लोगों ने शिवसेना को हिटलर सेना बताया है और उद्धव ठाकरे की तसवीर को फोटोशाॅप कर हिटलर जैसी मूछों वाला बना दिया है।
अर्णव समर्थक उनका सोशल मीडिया के माध्यम से स्वागत भी कर रहे हैं। लोग अलग-अलग तरह के मीम बना कर अर्णव की रिहाई को उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी की वजह बनना बता रहे हैं। लोग यह भी कह रहे हैं कि रोक सको तो रोक लो। अर्णव गोस्वामी के समर्थकों का कहना है कि देश के शीर्ष न्यायालय ने आखिरकार न्याय दिया।