Asaduddin Owaisi News: वंदे भारत ट्रेन में सफर के वक्त ओवैसी पर हमला, AIMIM ने लगाया ये बड़ा आरोप
Asaduddin Owaisi News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी जिस ट्रेन में जा रहे थे उस पर सोमवार को हमला हुआ। यह दावा एआईएमआईएम (AIMIM) नेता वारिस पठान (Waris Pathan) ने किया है।
Asaduddin Owaisi News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी जिस ट्रेन में जा रहे थे उस पर सोमवार को हमला हुआ। यह दावा एआईएमआईएम (AIMIM) नेता वारिस पठान (Waris Pathan) ने किया है। पठान ने कहा, ''असदुद्दीन ओवैसी वंदे भारत ट्रेन ( Vande Bharat Train) से अहमदाबाद से सूरत जा रहे थे।
सूरत से करीब 20-25 किलोमीटर पहले इस ट्रेन पर हमला किया गया। वही पठान ने हमले जुड़ी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की। वारिस पठान ने कहा कि यह हमला इरादा पूर्वक से किया गया था। एआईएमआईएम नेता ने दावा किया कि एक के बाद एक दो पत्थर फेंके गए। उन्होंने कहां पत्थर इतने भारी थे कि खिड़की के शीशे टूट गए थे, जहां ओवैसी और उनके साथी पास बैठे थे।
आज शाम जब हम @asadowaisi साहब,SabirKabliwala साहब और @aimim_national की टीम अहमदाबाद से सूरत के लिए 'Vande Bharat Express' train में सफर कर रहे थे तब कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर ज़ोर से पत्थर मारकर शीशा तोड़ दिया!#GujaratElections2022 pic.twitter.com/ZwNO2CYrUi
— Waris Pathan (@warispathan) November 7, 2022
वही वारिस पठान ने पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदीजी ये क्या हो रहा है? कभी वंदे भारत ट्रेन से मवेशी कुचल जाते हैं। तो कभी ट्रेन में बैठे यात्रियों पर पत्थर फेंके जाते हैं। उन्होंने कहां चाहे पत्थर फेंको, आग लगाओ, लेकिन हक की आवाज रुकेगी नहीं।'' वही इस मामले पर रेल पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने मंगलवार को बताया कि भरूच जिले के अंकलेश्वर में ट्रैक के पास चल रहे इंजीनियरिंग कार्य के चलते कुछ गिट्टियां ट्रेन की कांच की खिड़कियों में जाकर लगी थीं।
उन्होंने कहा, "यह पथराव का मामला नहीं है।" उन्होंने कहा कि ओवैसी खिड़की से दूर बैठे थे। उन्होंने कहा कि जिस कोच में ओवैसी यात्रा कर रहे थे, उसके चार दरवाजों पर रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) के छह जवान और तीन सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवान खड़े थे। परमार ने कहा, 'ट्रेन धीमी गति से चल रही थी क्योंकि इंजीनियरिंग का काम चल रहा था। खिड़की पर कुछ आकर लगा, इसलिए कांच चटक गया।'' जिसके बाद टूटे हुए कांच को बदल दिया गया है। साथ ही इस मामले की जांच भी की जा रही है।