Assam Firing : असम पुलिस की गोलीबारी में मेघालय के 6 नागरिकों की मौत, दोनों राज्यों के बीच तनातनी, इंटरनेट बंद

Assam Firing: असम (Assam) के पश्चिम कार्बी आंगलोंग और मेघालय सीमा (West Karbi Anglong and Meghalaya Border) पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। करीब 300 लोगों ने असम की पुलिस (Assam Police) और वन विभाग (Forest Department) के जवानों पर हमला कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मेघालय के 6 लोगों की मौत हो गई है।

Update: 2022-11-22 14:27 GMT

Assam Firing : असम पुलिस की गोलीबारी में मेघालय के 6 नागरिकों की मौत, दोनों राज्यों के बीच तनातनी, इंटरनेट बंद

Assam Firing: असम (Assam) के पश्चिम कार्बी आंगलोंग और मेघालय सीमा (West Karbi Anglong and Meghalaya Border) पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। करीब 300 लोगों ने असम की पुलिस (Assam Police) और वन विभाग (Forest Department) के जवानों पर हमला कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मेघालय के 6 लोगों की मौत हो गई है।

मृतकों में मेघालय के 5 लोग और एक वन रक्षक शामिल हैं। घटना कोई बड़ा रूप न ले ले। इसलिए मेघालय सरकार ने एहतियात के तौर पर 7 जिलों में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद (Internet Service Shutdown) कर दी है। लकड़ी तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने अभियान चलाया था, जिसके बाद यह पूरी घटना घटी। असम-मेघालय सीमा (Assam-Meghalaya border) से सटे पश्चिम कार्बी आंगलोंग से लड़की की अवैध रूप से तस्करी की जा रही थी।

इसके खिलाफ पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने अभियान चलाया था। पुलिस और वन विभाग की टीम के पहुंचते ही अचानक से कुछ लोग आए और उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। लोगों के हमले को रोकने के लिए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की। पुलिस ने हमलावरों पर काबू पाने के लिए कई राउंड फायरिंग की, जिसमें मेघालय के 6 लोगों की मौत हो गई।

क्या है असम-मेघालय बॉर्डर विवाद?

मेघालय और असम आपस में करीब 885 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं। 1972 से पहले मेघालय, असम राज्य का ही हिस्सा था। इसके बाद दोनों का विभाजन हो गया लेकिन तभी से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों के बीच करीब 12 इलाके ऐसे हैं, जहां सीमा को लेकर विवाद था। हालांकि, इनमें से अब 6 इलाकों की सीमा निर्धारित हो चुकी है। ये 12 इलाके ताराबारी, गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, बोकलापारा, नोन्गवाह, मतामुर, बोरदुआर, खानपारा, पिलंगकाटा, देशदेमोरेह के ब्लॉक-1 और 2, खांडुली और रेतचेरा हैं।

दोनों राज्यों में कैसे शुरू हुआ सीमा विवाद?

इसकी शुरुआत 1972 में तब हुई, जब मेघालय को असम से अलग कर एक अलग राज्य बना दिया गया। पहले लांगपिह क्षेत्र कामरूप जिले का हिस्सा था। बंटवारे के बाद यह मेघालय के गारो हिल्स का हिस्सा बन गया। इसी को लेकर दोनों राज्यों के बीच झगड़ा है। एक तरफ असम इसे अपने राज्य की मिकिर हिल्स (कार्बी आंगलॉन्ग एरिया) का हिस्सा मानता है, वहीं दूसरी ओर मेघालय का कहना है कि ये क्षेत्र पहले यूनाइटेड खासी और जयंतिया हिल्स जिले में आते थे, इसलिए उनका हिस्सा हैं।

अभी किस बॉर्डर एरिया में हुआ विवाद?

मंगलवार को हुआ विवाद वेस्टर्न गारो हिल्स एरिया में बसे मेघालय के लांगपिह इलाके में हुआ है। इस जिले की सीमा असम के कामरूप जिले से लगती है। यहां दोनों राज्यों के स्थानीय लोग घर बनाने, जंगल में पेड़ों को काटने और जमीन पर खेती करने को लेकर आपस में लड़ते हैं। 2010 में भी इसी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें गोलीबारी के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी।

सीमा विवाद सुलझाने 2022 में हुआ समझौता

2022 की शुरुआत में असम और मेघालय के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा ने दिल्ली में एक समझौते पर दस्तखत किए थे। इसके बाद 12 सबसे ज्यादा विवादित क्षेत्रों में से 6 की राज्य सीमा तय कर दी गई है। इस बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस समझौते के तहत असम और मेघालय की सरकारें 885 किलोमीटर की सीमा पर 12 में से 6 इलाकों में सीमा विवाद हल करने पर सहमत हो गए थे। 36.79 वर्ग किमी जमीन विवाद को सुलझाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव में असम को 18.51 वर्ग किमी हिस्सा, जबकि मेघालय को 18.28 वर्ग किमी हिस्सा दिया गया था। ये पूरी जमीन करीब 36 गांवों में फैली हुई है।

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