असम के 23 जिलों के 9.26 लाख लोग बाढ से प्रभावित, बाढ-भू धंसान से अबतक 43 की मौत

असम में भारी बारिश से बाढ का खतरा बढा है। अधिक बारिश इस राज्य में बाढ के साथ भू धंसान का भी खतरा बढा देता है...

Update: 2020-06-29 03:30 GMT

जनज्वार। असम में बाढ से पिछले 24 घंटे में हालात और गंभीर हो गए हैं। शुरुआती मानसून में ही भारी बारिश से राज्य की अधिकतर नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। असम आपदा नियंत्रण प्राधिकार अनुसार, राज्य के 23 जिलों की नौ लाख 26 हजार 59 लोग बाढ से प्रभावित हुए हैं।

राज्य में बनाए गए 193 राहत कैंप में 27 हजार से अधिक लोग रखे गए हैं। बाढ के कारण 33 में 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य के धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, उदलगिरी, दर्रांग, नलबाड़ी, बारपेटा, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा और कामरूप जिले अधिक प्रभावित हुए हैं।

उधर, गोवाहाटी में छह जगहों पर भूधंसान हुआ है, जिसमें एक लड़की की मौत हो गई। 22 मई से राज्य में शुरू हुई भारी बारिश की वजह से बाढ एवं भू धंसान में अबतक 43 लोगों की जान चली गई है।

बाढ के हालात के मद्देनजर रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल से फोन पर बात की थी और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। 

असम आपदा नियंत्रण प्राधिकार के अनुसार, बाढ से राज्य के 2071 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस कारण मात्र 24 घंटे में बाढ प्रभावित लोगों की संख्या दो गुनी हो गयी है और बाढ प्रभवित जिले की संख्या 21 से बढकर 23 हो गई।

राज्य धेमाजी जिला बाढ से सर्वाधिक प्रभावित है। यहां के एक लाख 35 हजार से अधिक लोग विस्थापित हए हैं। वहीं, बारपेटा जिले से लगभग एक लाख लोग विस्थापित हुए हैं। नालाबाड़ी के 96 हजार लोग व मोरीगांव के भी करीब 96 हजार लोग बाढ से विस्थापित हुए हैं। गोअलपारा के 86 हजार लोग विस्थापन के शिकार हुए हैं।

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