फिलहाल नहीं टूटेंगे जोशीमठ में खतरनाक घर, शिफ्टिंग का 50 हजार तो मुआवजे का मिलेगा एक लाख, सीएम के सचिव सुंदरम ने दी जानकारी
Joshimath Sinking : जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए हैं उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है, क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नहीं तोड़ा जा रहा है...
Joshimath Sinking : भू धंसाव के चलते जोशीमठ में दरारों की वजह से खतरनाक बन चुके घरों को अभी तोड़ा नहीं जायेगा। अभी तक कुल 723 घरों में दरारें आई हैं। जिनमें रहने वाले लोगों को अभी डेढ़ लाख की मदद की जाएगी। इसमें 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजे की रकम बाद में तय की जाएगी। एक हफ्ते में सर्वे पूरा करने के बाद यह मदद दी जाएगी।
प्रभावित परिवारों से बुधवार को बातचीत के बाद मुख्यमंत्री के सचिव एम सुंदरम ने फैसलों की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए कहा कि अभी कोई घर नहीं तोड़ा जाएगा। केवल दो होटल ही तोड़े जाएंगे। घरों पर लाल निशान उन्हें खाली करने के लिए लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि होटल मालिकों से भी बातचीत हो गई है। अब वह भी प्रशासनिक कार्रवाई में सहयोग के लिए राजी हैं।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए हैं उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है, क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नही तोडा जा रहा है। भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है, जिसमें 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में मुआवजे की पूरी राशि में समायोजित किया जाएगा। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते है उनको 6 महीने तक 4 हजार रूपये प्रतिमाह दिए जा रहे है।
इससे पहले प्रभावितों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए सचिव ने साफ किया कि भूधंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए है उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत आजतक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।