Bang Vibhushan Award : नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने बंग विभूषण सम्मान लेने से इनकार, बेटी ने बताई ये वजह

Bang Vibhushan Award : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 'बंग विभूषण' सम्मान को लेने से इनकार कर दिया है, यह विशेष सम्मान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दिया जाता है...

Update: 2022-07-25 14:33 GMT

Bang Vibhushan Award : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 'बंग विभूषण' सम्मान को लेने से इनकार कर दिया है। यह विशेष सम्मान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दिया जाता है। बताया जा रहा है कि अमर्त्य सेन ने राज्य सरकार के अधिकारीयों को जुलाई के पहले हफ्ते में ही सूचना पहुंचा दी थी कि पुरस्कार वितरण समारोह के समय वह भारत में नहीं होंगे।

बेटी बोलीं - दूसरों को दे दिया जाए पुरस्कार

बंगाल सरकार की ओर से ये पुरस्कार सोमवार को कोलकाता में दिए जाने वाले हैं। सेन के परिवार की एक सदस्य ने बताया कि वह इस समय यूरोप में हैं। अमर्त्य सेन की बेटी अंतरा देव सेन ने कहा यही कि उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं और वह चाहते हैं कि बंग विभूषण सन्मान दूसरों को दिया जाए।

ममता बनर्जी की सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

इससे पहले वाम मोर्चा ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अभिजीत विनायक सेन सहित अन्य बुद्धिजीवियों से पुरस्कार न लेने की अपील की थी। विपक्षी दल ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और राज्य सरकार को भ्रष्ट करार दिया था।

ममता बनर्जी सरकार से पुरस्कार स्वीकार ना करने की अपील

भर्ती घोटाले को लेकर बीजेपी और दूसरे कई दल ममता सरकार पर तीखा निशाना साध रहे हैं। उनका आरोप है कि ये सारा गोरखधंधा ममता की निगरानी में ही किया गया। पार्थ को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है, क्योंकि उनकी नजदीकी रही अर्पिता मुखर्जी के घर से एजेंसी के 20 करोड़ से ज्यादा की रकम मिली थी। उसके बाद माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर सेन और अन्य सभी प्रतिष्ठित हस्तियों से ममता बनर्जी सरकार से कोई पुरस्कार स्वीकार न करने की सार्वजनिक अपील की थी।

पार्थ घोटाले में ममता बनर्जी भी शामिल

बीजेपी के साथ माकपा का आरोप है कि पार्थ ममता बनर्जी के बेहद करीबी थे। फिलहाल वो ममता सरकार में उद्योग और संसदीय मामलों के विभाग को संभाल रहे थे लेकिन पार्थ 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। उनके शिक्षा मंत्री रहने के दौरान शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताएं हुईं। दलों का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता कि पार्थ के घोटाले की जानकारी ममता को न हो। माना जा रहा है कि अर्मत्य सेन भी इसी वजह से पुरस्कार लेने से किनारा कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करना गलत होगा।

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