बंसल को योगी और योगी को बंसल नहीं चाहिए तो केशव को दोनों नहीं चाहिए, आपदा की भाजपा में बस जूते चप्पल चलने बाकी- आईपी सिंह
योगी आदित्यनाथ इस बात को जानते हैं कि उनके लिए खतरा केशव प्रसाद मौर्या नहीं है लेकिन अगर कोई नया चेहरा केंद्र की ओर से यूपी में ताकतवर बनाकर भेजा जाता है, तो यकीनन योगी इसके लिए नही तैयार होंगे...
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की बेला जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे बंद लिफाफों से मजमून निकल-निकलकर सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री और हिन्दू युवा वाहिनी के वरिष्ठ नेता योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच एक बार फिर से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में कुछ बड़ा नजर आए तो आश्चर्य वाली बात नहीं होगी।
कल सोमवार यूपी पहुँचे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने सबसे पहले मंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात की। इसके बाद सुरेश खन्ना, दारा सिंह चौहान से मिले। उन्होंने फिर मंत्री जय प्रताप सिंह और सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ मुलाकात की, साथ ही उन्होंने स्वाति सिंह और अंत में सतीश द्विवेदी से भी मुलाकात की है। सरकार बनने के बाद ऐसी बैठक पहली बार हो रही है।
गौरतलब है कि बृजेश पाठक वही मंत्री हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान सबसे पहले लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। यहां सवाल यह भी खड़ा होता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष की इन बैठकों से योगी आदित्यनाथ कितने खुश हैं?
सपा नेता आईपी सिंह ने एक ट्वीट किया है, जिसके मुताबिक हालात गंभीर हैं। सपा नेता ने लिखा है कि 'भाजपा कार्यालय में अब बस जूता-चप्पल चलना बाकी है। एक एक पद, एक एक मंत्रालय के लिए सर फटौव्वल चल रही है। बंसल को योगी नहीं चाहिए, योगी को बंसल नहीं चाहिए और केशव को दोनों नहीं चाहिए। उधर केंद्रीय संगठन तलवार लिए खड़ा है, कब किसकी गर्दन कट जाए कुछ नहीं पता। ये आपदा में भाजपा है।'
भूला यह भी नहीं जाना चाहिए कि गुजरात कैडर के पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा विधान परिषद सदस्य बनने के बाद से ही बनारस में डेरा डाले हुए हैं। पिछले 3 महीनों के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की संसदीय सीट में किसी मंत्री या नौकरशाहों से बढ़कर काम किया है। बताया जाता है कि डीआरडीओ द्वारा बनवाया गया अस्पताल भी जल्द से जल्द तैयार करवाने में अरविंद शर्मा की बेहद बड़ी भूमिका रही है।
ताजा खबर यह मिल रही है कि उत्तर प्रदेश में अरविंद शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि इस बात की संभावना बेहद कम है कि योगी आदित्यनाथ इसके लिए तैयार होंगे। योगी आदित्यनाथ इस बात को जानते हैं कि उनके लिए खतरा केशव प्रसाद मौर्या नहीं है लेकिन अगर कोई नया चेहरा केंद्र की ओर से यूपी में ताकतवर बनाकर भेजा जाता है, तो यकीनन योगी इसके लिए नही तैयार होंगे।
कुल मिलाकर इस बार यूपी में विधानसभा चुनाव सत्ताधारी भाजपा को ही लेकर दिलचस्प होता नजर आ रहा है। चक्रवर्ती पार्टी का खिताब हासिल करने की जुगत लगा रही भाजपा के अंदरखाने ही सब ठीक नहीं चल रहा है। आने वाले समय में रोचक बिखराव देखने की उम्मीद बरकरार है।