7 माह बाद पहली बार मुंबई पहुंचे फरार परमबीर सिंह, रिटायर एसीपी पठान ने पूछा - आतंकी कसाब का फोन क्यों छुपाया?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह सात माह बाद पहली बार मुंबई पहुंचे हैं। मुंंबई पुलिस भी उनकी तलाश में है।
मुंबई न्यूज। वसूली के आरोप में फंसे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ( Parambr singh ) सात माह बाद पहली बार मुंबई पहुंचे हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि वह वसूली मामले ( extortion case ) में जारी जांच में शामिल होने आए हैं। इससे पहले उन्होंने अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि उनकी जान को खतरा है। इसलिए वो मुंबई नहीं जा रहे हैं। मैं, इंडिया में हूं। विदेश जाने की बातें केवल अफवाह है। दूसरी तरफ मुंंबई पुलिस ( Mumbai Police ) को अपने विभाग के पूर्व कमिश्नर की तलाश है।
वसूली कांड के बाद से फरार हैं
इससे पहले तक ऐसी जानकारी थी कि परमबीर सिंह जांच से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए हैं, लेकिन पता चला है कि वह भारत में ही हैं। परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में उनके वकील ने बताया कि वह इसलिए छुपे हुए हैं, क्योंकि मुंबई पुलिस से उनकी जान को खतरा है। वह 48 घंटे के भीतर सीबीआई या कोर्ट में पेश होने के लिए तैयार हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ( Anil Deshmukh ) पर 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली कराने का आरोप लगाने के बाद से परमबीर सिंह फरार चल रहे हैं।
आतंकी कसाब को बचाने का आरोप
इस बीच परबीर सिंह के खिलाफ रिटायर्ड एसीपी पठान ( Retired ACP Shamsher Khan Pathan ) ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर से पूछा कि 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड अजमल कसाब ( Ajmal Kasab ) का मोबाइल फोन गायब करवाने में मदद की थी। यह आरोप मुम्बई पुलिस के रिटायर एसीपी शमशेर खान पठान ने लगाया है। रिटायर्ड एसीपी का दावा है कि जहां कसाब को पकड़ा गया था वहां परमबीर सिंह भी मौके पर आए थे।
दो माह पूर्व लिखा था मुंबई सीपी को खत
एसीपी पठान के इस खुलासे ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने सिंह के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड कसाब का मोबाइल फोन गायब करवाने में मदद की थी। यह आरोप मुम्बई पुलिस के रिटायर एसीपी शमशेर खान पठान ने लगाया है। शमशेर खान पठान इस मामले में 26 सितंबर 2021 को मुंबई सीपी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है। रिटायर्ड एसीपी ने आरोप लगाया है कि जहां कसाब को पकड़ा गया था वहां परमबीर सिंह भी मौके पर आए थे। तब परमबीर सिंह ने वो फोन अपने पास रख लिया जबकि उन्हें जांच अधिकारी रमेश महाले को देना चाहिए था।
अब छह दिसंबर को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में सीबीआई और महाराष्ट्र डीजीपी को नोटिस भी जारी किया गया है। इसके तहत परमबीर सिंह के खिलाफ फिलहाल कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट अब इस मामले में छह दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा। इससे पहले उनके वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर सवाल उठाया जिसमें उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण(कैट) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को संरक्षण की मांग वाली सिंह की याचिका पर यह कहते हुए विचार करने से इनकार करते हुए कहा था कि जब तक वह अपने ठिकाने का खुलासा नहीं कर देते तब तक न तो उनकी याचिका पर सुनवाई होगी और न ही राहत दी जा सकती है। मुंबई की एक अदालत ने 17 नवंबर को उसे भगोड़ा घोषित करने के लिए मुंबई पुलिस की अर्जी को स्वीकार कर लिया था।