Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : भय्यू महाराज के 2 IAS समेत 12 लड़कियों के साथ थे संबंध, ब्लैकमेलर की कॉल से खुलते गए रहस्य

Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : पुलिस ने शुरुआत में भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में 20 से ज्यादा लोगों के बयान लिए थे, भय्यू महाराज से 22 साल से जुड़े ओल्ड पलासिया निवासी एडवोकेट निवेश बड़जात्या को अनजान आदमी का फोन आया था और 5 करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी...

Update: 2022-01-29 11:43 GMT

जानिए कैसे सुलझी भय्यूजी महाराज सुसाइड केस की गुत्थी

Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : भय्यू महाराज सुसाइड केस की जांच पहले पुलिस एक साधारण केस मानकर कर रही थी। उस समय फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर सीएसपी मनोज रत्नाकर थे। इन्होंने घरेलू विवाद में सुसाइड की रिपोर्ट पेश की थी। जिसके बाद पुलिस केस को बंद करने की तैयारी में थी लेकिन दो महीने बाद महाराज के करीबी एडवोकेट निवेश बड़जात्या को 5 करोड़ की डिमांड का कॉल आया| जांच में पता चला कि यह धमकी देने वाला महाराज का ही ड्राइवर रह चुका कैलाश पाटिल है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो महाराज के सेवादार विनायक शरद और शिष्या पलक के गठजोड़ का पता चला।

ऐसे खुलने लगी कड़ियां

बता दें कि ड्राइवर कैलाश पाटिल ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह कई बार महाराज की गाड़ी से पलक को घर से आश्रम लाने और ले जाने का काम भी कर चुका है। गाड़ी में पलक जो भी बातें विनायक और शरद से करती थी वह उसके ध्यान में हैं। जिसके बाद इसी सिरे को पकड़कर पुलिस ने तीनों आरोपी शरद विनायक और पलक के बयान दर्ज किए। जांच में पता चला कि तीनों मिलकर भय्यूजी महाराज को आत्महत्या के लिए उकसा रहे थे। साथ ही पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में यह बात भी सामने आई थी महाराज के 12 लड़कियों के साथ रिलेशन थे। इनमें से 2 लड़कियां तो आईएएस है।

भय्यू महाराज ने की खुदकुशी

बता दें कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को खुद को अपने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर सुसाइड किया था। इस मामले में पुलिस को 2 महीने तक कोई लीड नहीं मिल रही थी। तत्कालीन डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र इस केस पर लगातार निगाह रखने को कहा था। बता दें कि डीआईजी हरिनारायण अब इंदौर के पुलिस कमिश्नर है। पुलिस इस केस पर लगातार नजर रख रही थी। ऐसे में जो पुलिस केस को बंद करने की तैयारी में थी, उसी ने महाराज के सुसाइड के 6 महीने बाद विनायक पलक और शरद को गिरफ्तार कर सबको चौंका दिया।

ऐसे खुलता गया राज

पुलिस ने शुरुआत में भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में 20 से ज्यादा लोगों के बयान लिए थे। परिवार के कुछ लोगों के भी बयान हुए थे। इस बीच भय्यू महाराज से 22 साल से जुड़े ओल्ड पलासिया निवासी एडवोकेट निवेश बड़जात्या को अनजान आदमी का फोन आया था और 5 करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी।

फोन कॉल पर हुई बात

ब्लैकमेलर और एडवोकेट निवेश बड़जात्या के बीच कुछ बातें हुई...

ब्लैकमेलर : मेरे पास आप को मारने का ऑर्डर आया है

एडवोकेट : आप कौन बोल रहे हैं

ब्लैकमेलर : आप सुनो पहले, मेरे पास आपको मारने का ऑर्डर आया है। ठीक है, आपको जीना है तो 5 खोखे (5 करोड़) का इंतजाम करना पड़ेगा।

एडवोकेट : मेरे पास इतने पैसे नहीं है।

इस कॉल के बाद एडवोकेट ने पुलिस को सारी जानकारी दी।

ब्लैकमेलर को पुलिस ने पकड़ा

एमआइजी थाना पुलिस ने जिस ब्लैकमेलर को पकड़ा था वह महाराज का ड्राइवर रह चुका कैलाश पाटिल निकला। बताया गया था कि महाराज ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। जांच में यह बात सामने आई थी ब्लैकमेलर को लग रहा था कि एडवोकेट के पास बहुत पैसा है। जो धमकाने पर आसानी से दे देगा। इस वजह से ही पता चला कि भय्यूजी महाराज अपनों की वजह से ही काफी तनाव में थे। कैलाश पाटिल से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने भय्यूजी महाराज सुसाइड केस की डायरी फिर से खोली और एक नए सिरे से जांच शुरू की।

कैलाश पाटिल ने बताएं रहस्य

पुलिस ने ड्राइवर कैलाश पाटिल का बयान दिसंबर 2018 में दर्ज किया था। पुलिस की पूछताछ के दौरान ड्राइवर कैलाश पाटिल ने बताया कि 'मैं साल 2004 से भय्यू महाराज के गाड़ी चला रहा था। बहुत कम पढ़ा लिखा हूं। अंग्रेजी नहीं आती लेकिन महाराज के साथ रहते हुए अंग्रेजी समझने लगा था। महाराज मेरे सामने ही कार में लड़कियों से बात करते थे। उन्हें लगता था कि मुझे कुछ समझ में नहीं आता है लेकिन मैं समझ जाता था। सोनिया, पलक, शालिनी, मलिका... 12 लड़कियों से महाराज के संबंध थे। इनमें दूसरे राज्य की दो महिला आईएएस भी शामिल हैं। विनायक और शेखर को सब पता है। दोनों के पास लड़कियों के फोन आते थे। मुझे पता है कि दोनों ने रुपए ऐंठने का प्लान तैयार किया था। अचानक मुझे 4 महीने के लिए कुहू के पास पुणे भेज दिया और मैं आश्रम से दूर हो गया। ब्लैकमेल करने वाली लड़की पलक महाराज के विश्वसनीय मनमीत के घर के सामने रहती थी। मनमीत में विनायक और शेखर से मिलवाया था। उसे आश्रम में रखवा दिया था और कामकाज संभालने लगी।

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