BHU Protest : बीएचयू में छात्रों का बड़ा आंदोलन, मांगों को लेकर रात में भी धरना पर जमे हैं छात्र

बीते दो दिनों से छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच रस्साकशी चल रही है। हालांकि, गुरुवार, 28 अक्टूबर की रात 8 बजे यानि खबर लिखने तक आंदोलनकारी छात्रों के आगे प्रशासन नरम हुआ है और दोनों पक्षों के बीच फिलहाल वार्ता चल रही है।

Update: 2021-10-28 14:58 GMT

(काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अपनी मांगों को लेकर रात में भी धरना पर जमे हैं छात्र)

BHU Protest : ऑफलाइन क्लास शुरू करने सहित अन्य मांगों को लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है। बीते दो दिनों से छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच रस्साकशी चल रही है। हालांकि, गुरुवार, 28 अक्टूबर की रात 8 बजे यानि खबर लिखने तक आंदोलनकारी छात्रों के आगे प्रशासन नरम हुआ है और दोनों पक्षों के बीच फिलहाल वार्ता चल रही है।

धरनास्थल  पर जमे छात्र अनुपम ने जनज्वार को बताया कि फिलहाल प्रशासन के साथ वार्ता चल रही है। कुछ बिंदुओं पर सहमति बन गई है। आधे-एक घँटे में कई न कोई निष्कर्ष निकल जाएगा। अगर सभी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन जारी रहेगा।

बता दें कि अपनी मांगों को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र 26 अक्टूबर से ही आंदोलनरत हैं। 26 को बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हुए और लंका गेट बंद कर धरना प्रर्दशन शुरू किया।

छात्रों की मांगों में विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी कक्षाएं ऑफलाइन शुरु किए जाने, विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों को पूरी क्षमता के साथ खोलने की मांग प्रमुख है।

इसके अलावा विश्वविद्यालय में खेल कूद व कसरत की सुविधाएं बहाल करने, पेड सीट समेत सभी स्टूडेंट्स की आनलाइन कक्षा के कारण पूरी फ़ीस वापस किए जाने की मांग भी छात्र कर रहे हैं।

इससे पहले बुधवार, 27 अक्टूबर की शाम को चीफ़ प्रॉक्टर प्रो० बी० सी० कापड़ी और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता प्रो० एम के सिंह छात्रों से मिलने आए। आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि दोनों अधिकारियों ने ईमेल की एक प्रति दिखाई।

अधिकारियों ने कहा कि 28 अक्टूबर को एक मीटिंग बुलाई गयी है, जिसमें छात्रों की मांगों के संबन्ध में निर्णय लिया जायेगा। दोनों अधिकारियों ने छात्रों का आह्वान किया कि अभी आप लोग धरने से उठ जाइए।

इसके जवाब में प्रदर्शनकारी छात्रों ने दो टूक शब्दों में जवाब दिया कि हम तब तक यहीं लंका गेट पर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती। छात्रों की मांग है कि जो भी आश्वासन दिया जा रहा है, उसे लिखित रूप में जारी किया जाय।

इस दौरान विश्वविद्यालय को रिओपन करवाने के लिए बहुत तर्क वितर्क हुआ, लेकिन प्रशासन विश्वविद्यालय खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। छात्रों ने भी बदले में बोला जब तक लिखित नोटिस नहीं आता हम लोग नहीं उठेंगे।

आज भी छात्र अपनी उपर्युक्त मांगों को लेकर प्रोटेस्ट पर डटे रहे। सुबह सभी छात्रों ने पुरे पोस्टर बनाकर प्रदर्शनी लगाकर अपना संदेश दिया। स्टूडेंट्स ने सिंह द्वार के तीनों गेट को बंद कर दिया। केवल एंबुलेंस और मरीजों को जाने दिया। इसके बाद जिला प्रशासन और चीफ़ प्रॉक्टर दोनों आये और छात्रों से बातचीत की।

छात्रों का कहना था कि अब विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस के बल पर कल से शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे धरना प्रदर्शन को कुचलना चाहता है। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारा, गीत, कविता, शेरो-शायरी के माध्यम से अपनी बात कही और आन्दोलन की रोचकता भी बनायी रखी।

खबर लिखे जाने वक्त भी काफ़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र धरनास्थल पर मौजूद थे। तेजस्विता, अपर्णा, अंजली, सुष्मिता आदि लड़कियां भी इस प्रोटेस्ट में बैठी हुई थी। छात्र  हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार और उत्साहित दिखे।  छात्रों ने विश्वविद्यालय खुलने तक एकमत होकर धरना देने की बात कही।

वहीं तीसरे दिन लाइब्रेरी साइंस के ट्रेनीज़ छात्रों ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर किया धरना दिया। ट्रेनीज़ छात्रों के इस आन्दोलन को बीएचयू ABVP ने समर्थन भी दिया है। लंका गेट पर धरना प्रदर्शन में उमेश, राहुल, अमन, योगेश अभिषेक, अभिनव, नीरज, हर्ष, मोहित, प्रभाकर, निरंजन, सत्येंद्र, हेमंत, अंकित, राज, शिवगणेश, मोहित, राज, पवन, सुमित, विवेक सहित सैकड़ों छात्र शामिल रहे।

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