Bihar News : मोबाइल की रोशनी में हुआ बच्ची का पोस्टमार्टम, सिविल सर्जन बोले - बिजली के तार चुरा ले जाते हैं चोर

Bihar News : बिहार के भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही बरती गई है, डॉक्टर ने मोबाइल की रोशनी में मृत नाबालिग लड़की का पोस्टमार्टम किया है...

Update: 2022-09-19 13:20 GMT

Bihar News : मोबाइल की रोशनी में हुआ बच्ची का पोस्टमार्टम, सिविल सर्जन बोले - बिजली के तार चुरा ले जाते हैं चोर 

Bihar News : बिहार की सरकार, स्वास्थ्य विभाग को सही करने का भले ही लाख दावे कर ले लेकिन यह दावा बिल्कुल ही खोखला साबित हो रहा है। एक बार फिर बिहार के आईएसओ प्रमाणित अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। बिहार के भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही बरती गई है। बता दें कि सदर अस्पताल में नियम के विरुद्ध डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किया है। डॉक्टर ने मोबाइल की रोशनी में मृत नाबालिग लड़की का पोस्टमार्टम किया है। इसपर मृत लड़की के परिजन भी नाराज हैं।

नदी में डूबने से हुई थी बच्ची की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिले के सहार थाना क्षेत्र के बरुही गांव के वार्ड नंबर 4 के निवासी राजू राय की दस वर्षीय पुत्री शिखा कुमारी की नदी में नहाने के दौरान डूब गई थी। इसके बाद शिखा को नदी से निकालने के बाद उसे सहार पीएचसी ले गए थे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद परिजन बच्ची की बॉडी का पोस्टमार्टम कराने के लिए आरा सदर अस्पताल ले आए थे।

मोबाइल की रोशनी से किया बच्ची का पोस्टमार्टम

सदर अस्पताल के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मृतक नाबालिग के परिजनों ने बताया कि लगभग तीन घंटों से सदर अस्पताल में पोटमार्टम कराने का इंतजार कर रहे थे। तीन घंटे बाद डॉक्टर पोस्टमार्टम करने के लिए आए लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान सदर अस्पताल में बिजली नहीं थी। इसके बाद डॉक्टर ने मोबाइल की लाइट और टॉर्च की रोशनी में पोस्टमार्टम कर दिया।

बिजली के तार चुरा ले जाते हैं चोर

बता दें कि इस मामले पर जब आरा के सिविल सर्जन रामप्रीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने जो तर्क दिया वह भी हैरान करने वाला है। सिविल सर्जन ने कहा कि पोस्टमार्टम रूम में लगे बल्ब, बिजली के तार और तमाम उपकरणों को चोर चुराकर ले जाते हैं, इसलिए वहां लाइट की व्यवस्था नहीं है। वहीं रात के अंधेरे में पोस्टमार्टम कराने के सवाल पर उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह केवल डीएम साहब की अनुमति से ही होता है। चूंकि रात को अस्पताल में हंगामे का डर था, इसलिए विशेष परिस्थिति में पोस्टमार्टम को कराया गया।

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