Bihar Shelter Home Kant Part 2 : 'केस डायरी में तत्काल दर्ज करें मेरा बयान, सच्चाई उजागर होने पर गिर जाएगी नीतीश सरकार', पूर्व IPS ने SIT को लिखा पत्र
Bihar Shelter Home Kant Part 2 : पटना के गायगाट महिला रिमांड होम के मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने एसआईटी प्रमुख को पत्र लिखकर बयान दर्ज करने का अनुरोध किया है...
Bihar Shelter Home Kant Part 2 : पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के निर्देश पर एसआईटी ने गायघाट महिला रिमांड होम (Gayghat Mahila Remand Home Case) का मामले की जांच शुरू की है। इस बीच पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास (Amitabh Kumar Das) लगातार एसआईटी (SIT) से अपना बयान दर्ज करने का अनुरोध कर रहे हैं। पूर्व आईपीएस का आरोप है कि एसआईटी राजनीतिक दबाव में काम कर रही है और महिला रिमांड होम की अधीक्षिका को गिरफ्तार नहीं कर रही है। उनका मानना है कि अगर वंदना गुप्ता की गिरफ्तारी की जाती है तो कई मंत्रियों के नाम सामने आ सकते हैं। अमिताभ कुमार दास ने आईपीएस काम्या मिश्रा को पत्र लिखकर अपना बयान दर्ज करने की मांग की है। काम्या मिश्रा अभी इस मामले की जांच अधिकारी हैं।
पत्र में पूर्व आईपीएस ने एसआईटी प्रमुख काम्या मिश्रा (IPS Kamya Mishra) को लिखा है कि पटना के महिला थाना में गायघाट शेल्टर होम से संबंधित कांड (13/22 व 17/22) दर्ज किए गए हैं, शेल्टर होम की लड़कियों को बिहार सरकार के मंत्रियों को सप्लाई किया जाता है।
उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एसआईटी को आदेश दिए हैं कि किसी हालत में अमिताभ कुमार दास का बयान दर्ज नहीं किया जाए, सच्चाई हो जाने पर नीतीश सरकार गिर जाएगी। कृपया गायघाट शेल्टर होम काण्डों के संबंध में मेरा बयान तत्काल दर्ज कर केस डायरियों में अंकित किया जाए।
इससे पहले एक न्यूज चैनल से बातचीत में अमिताभ कुमार दास ने कहा था कि मैं बार-बार कह रहा हूं कि एसआईटी को मेरा बयान दर्ज करना चाहिए क्योंकि मैंने शुर से कहा है कि बिहार सरकार के मंतरियों को लड़कियों की सप्लाई हो रही है। मैं यह आरोप लगाया है तो कुछ आधार पर लगाया है। एसआईटी मेरा बयान लेगी तो मैं बयान दूंगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि एसआईटी पर कोई राजनीतिक दबाव है कि अमिताभ कुमार दास बयान न दर्ज किया जाए क्योंकि इससे मामला और गंभीर हो जाएगा। हो सकता है जब मेरा बयान केस डायरी में दर्ज हो जाए तो माननीय हाईकोर्ट इस केस को सीबीआई को सौंप दे।
पूर्व आईपीएस ने अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता ने एसआईटी को धमकी दी है कि मुझे गिरफ्तार किया जाता है तो मैं सारे मंत्रियों के नाम खोल दूंगी। इसलिए एसआईटी की स्थिति कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा था कि एसआईटी के सामने दिक्कत यह है कि इस केस की अभियुक्त वंदना गुप्ता को गिरफ्तार किया गया तो सारे मंत्रियों के नाम खोल देगी, उसके बाद राजनीतिक भूचाल आएगा और नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी। इसी डर से एसआईटी वंदना गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं कर रही है।
बता दें कि गायघाट स्थित महिला रिमांड होम तब सुर्खियों में आ गया था जब यहां की दो युवतियों ने रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता पर कई आरोप लगाए थे। बीते 29 जनवरी को सबसे पहले उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाए थे। तब पटना पुलिस उसके लगाए आरोपों को नकारा था और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने मामले का सुओ मोटो लेते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया था कि पटना पुलिस पूरे मामले की जांच डीएसपी लेवल के अधिकारी से करवाए।