Bihar Shikshak Bharti Updates 2022: प्रमाण पत्रों के सत्यापन में फंसी बिहार में शिक्षकों की भर्ती, जानिए, कब पूरी होगी जांच?

Bihar Shikshak Bharti Updates 2022: बिहार में 94 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पूर्ण होने के इंतजार में दो वर्ष गुजर चुके हैं। इसके बाद भी अब तक दो चरणों की काउंसलिंग ही पूर्ण हुई है।

Update: 2022-01-02 05:08 GMT

Bihar Shikshak Bharti Updates 2022: प्रमाण पत्रों के सत्यापन में फंसी बिहार में शिक्षकों की भर्ती, जानिए, कब पूरी होगी जांच?

जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट

Bihar Shikshak Bharti Updates 2022: बिहार में 94 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पूर्ण होने के इंतजार में दो वर्ष गुजर चुके हैं। इसके बाद भी अब तक दो चरणों की काउंसलिंग ही पूर्ण हुई है। इस बीच तीसरी काउंसलिंग फरवरी माह के तीसरे सप्ताह तक पूर्ण कर 25 फरवरी को नियुक्ति पत्र जारी करने का शासन ने आदेश दिया है। इसके पूर्व अनिवार्य रूप से प्रमाण पत्रों की जांच पूर्ण कर लेने के आदेश पर अमल होते नहीं दिख रहा है।ऐसे में एक बार फिर नियुक्ति को लेकर संशय बना हुआ है।

मालूम हो कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की डेट तय कर दी है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि सभी प्राथमिक शिक्षकों को 25 फरवरी को ही एक साथ नियुक्ति पत्र सौंपा जायेगा। विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट तौर से कहा गया है कि किसी भी हाल में सर्टिफिकेट का सत्यापन 25 फरवरी से पहले पूरा कर लिया जायेगा।

तय सीमा के अंदर प्रमाण पत्रों का सत्यापन जरूरी

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से राज्य के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर चयनित उम्मीदवारों के प्रमाणपत्र का सत्यापन फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूरा करने का निर्देश दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि तय समय सीमा के अंदर सत्यापन नहीं हो पाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई भी हो सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है कि पटना, सारण और पूर्णिया प्रमंडल में सत्यापन की स्थिति अच्छी नहीं है। अगस्त महीने के छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए हुए दो राउंड की काउंसलिंग में 38 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों का चयन हुआ है, लेकिन करीब 6 महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिली है। इस बाबत नियोजित शिक्षक उम्मीदवार ने कई जगहों पर धरना प्रदर्शन भी किया था, साथ ही ट्विटर पर अभियान भी चलाया गया था।

28 जनवरी तक पूरी करनी है काउंसलिंग

प्रारंभिक स्कूलों 94 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्व से चली आ रही है। इसके अंतर्गत पिछले दो चक्रों की काउंसिलिंग में 38 हजार शिक्षक चयनित किए जा चुके हैं। दो चक्रों की काउंसिलिंग जुलाई और अगस्त में सम्पन्न हुई थी। इसी क्रम में तीसरे चक्र की काउंसिलिंग की प्रक्रिया 28 जनवरी तक पूरी होनी है, जिसमें 12495 पदों पर नियुक्ति होनी है। इस तरह 38 हजार पूर्व से चयनित अभ्यर्थियों को मिलाकर करीब 50 हजार को नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद है।

इसके पूर्व शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन अनिवार्य रूप से फरवरी में तृतीय सप्ताह की निर्धारित तिथि के पहले करा लें। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी ने कहा है कि छठे चरण में करीब सवा लाख प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया एक दो महीने में पूरी कर ली जाएगी और चयनित उम्मीदवारों को उनके नियुक्ति पत्र फरवरी 2022 में मिल जाएंगे।

तीसरे चक्र की काउंसिल की प्रक्रिया 17 जनवरी 2022 से शुरू होने वाली है और इसे 28 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें जिन उम्मीदवारों का चयन होगा, उन्हें तुरंत अप्वाइंटमेंट लेटर दे दिया जाएगा। कि वो हर हाल में फरवरी के तीसरे सप्ताह तक चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर लें।

छह माह से नियुक्ति पत्र का इंतजार

बता दें कि शिक्षक अभ्यर्थी पिछले छह माह से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे थे। तीसरे चरण की काउंसलिंग नहीं होने की वजह से ही राज्य भर के 38,000 से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है। इसे लेकर पिछले दिनों अभ्यर्थियों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पटना में प्रदर्शन किया था। अभ्यर्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी ने कहा था कि पंचायत चुनाव के निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की वजह से ठप पड़ी तीसरे चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया जनवरी में पूरी की जाएगी और हर हाल में इन्हें नियुक्ति पत्र फरवरी में दे दी जाएगी।

जून 2020 में शुरू हुई थी चयन प्रक्रिया

बिहार शिक्षा विभाग ने बिहार प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 के लिए भर्ती की प्रक्रिया जून 2020 में शुरू की थी। जिसके तहत बिहार में 94,000 टीचरों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। बिहार के शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी करते हुए 15 जून से ऑनलाइन आवेदन शुरू किया था और इसकी आखिरी तारीख 14 जुलाई तय थी। भर्ती का निर्धातिर शेड्यूल के मुताबिक 18 जुलाई तक मेरिट लिस्ट की तैयारी,

21 जुलाई तक मेरिट लिस्ट का सत्यापन व 23 जुलाई तक मेरिट लिस्ट जारी कर देने था। जबकि हाल यह है कि निर्धारित तिथि पर मेरिट लिस्ट जारी होने के बजाए एक वर्ष बाद विलंब से सूची जारी की गई। इसके बाद भी हालात में सुधार न नहीं आ रहे। अब तक हाल यह है कि पिछले वर्ष 2021 के अगस्त माह तक दो चक्र में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हुई। जिसके बाद तीन स्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों का चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाने से निर्वाचन आयोग के आदेश पर शिक्षक चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दिया गया। इस बीच मात्र 38,000 पदों पर भर्ती के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

प्रमाण पत्रों का सत्यापन कार्य पूर्ण करना आसान नहीं

बिहार शिक्षकों के भर्ती के पूर्व अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से सत्यापित करने का आदेश जारी किया गया है। शासन ने यह निर्णय वर्ष 2005 से 2016 तक भर्ती शिक्षकों में से बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर चयनित होने का मामला उजागर होने के चलते लिया गया है। इन फर्जीवाडों पर रोक के लिए शास ने ऐसा निर्णय लिया। लेकिन हकीकत यह है कि सभी प्रमण पत्रों का एक निर्धारित समय अवधि तक सत्यापन करा लेना संभव नहीं है। विभाग का कहना है कि राज्य के शिक्षण संस्थानों से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र की जांच कराना तो आसान है। लेकिन अन्य प्रांतों से प्राप्त प्रशिक्षण प्रमाण पत्र समेत अन्य शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करना आसान नहीं है। विशेषकर उत्तर प्रदेश,हरियाणा मध्य प्रदेश आदि राज्यों से बीएड उत्तीर्ण छात्रों की संख्या शिक्षक अभ्यर्थियों के रूप में बड़ी संख्या में है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिती द्वारा इसको लेकर पत्र जारी किया जा रहा है। लेकिन संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट कब तक भेजेगा उसके विवके पर है।ऐसे में हर हाल में फरवरी के तीसरे सप्ताह तक प्रमाण पत्रों का सत्यापन आसान नहीं होगा। ऐसे में प्रमाण पत्रों के जांच तक नियुक्ति प्रक्रिया लंबित रखने के अलावा सरकार के पास मौजूदा प्रावधान के अनुसार कोई रास्ता नहीं होगा। यह संभव है कि शपथ पत्र लेकर सरकार नियुक्ति पत्र जारी कर दे और उधर सत्यापन का कार्य चलता रहे। हालांकि इसको लेकर अब तक कोई शासन के तरफ से पहल नजर नहीं आ रहा है।

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