बढ़ा टकराव: हड़ताली डॉक्टरों पर कार्रवाई के मूड में सरकार, 'नो वर्क-नो पे' का आदेश

राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया गया है, साथ ही 'नो वर्क-नो पे' का भी आर्डर जारी किया गया है..

Update: 2020-12-25 14:20 GMT

जनज्वार ब्यूरो/पटना। बिहार के अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्थिति विकट होती जा रही है। एक तरफ जहां स्टाइपेंड बढाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर अड़े हुए हैं,वहीं सरकार ने भी अब सख्ती बरतने का फैसला ले लिया है।

डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों से मरीज पलायन कर रहे हैं। ओपीडी सेवा तो पहले ही चरमरा गई थी, अब इमरजेंसी सेवा भी चरमराने लगी है। इस बीच सरकार द्वारा सख्त कदम उठाते हुए 'नो वर्क नो पे' का आदेश जारी कर दिया गया है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया गया है। साथ ही 'नो वर्क-नो पे' का भी आर्डर जारी किया गया है।

बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रही। जिस कारण राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भर्ती गंभीर रोगों के मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य के लगभग एक हजार जूनियर डॉक्टर छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की मांग को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

उधर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को राज्य के गरीब मरीजों व आमलोगों के हित में जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर से सरकार हर वक्त बातचीत को तैयार है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर उत्पन्न समस्या को दूर करने को कहा गया है। हालांकि अबतक की जानकारी के अनुसार कोई आधिकारिक वार्ता नहीं हो सकी है।

गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत करीब ढाई घंटे तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विभिन्न विभागों का निरीक्षण करते रहे, लेकिन जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से हड़ताल को लेकर कोई बात नहीं हुई।

प्रधान सचिव ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं होने दिया जाएगा। हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, पीएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही लिखित निर्देशों को भूल गयी है, जिसमें प्रत्येक तीन वर्ष पर उनकी छात्रवृत्ति में बढो़तरी किए जाने की बात कही गयी थी।

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2020 से जूनियर डॉक्टर छात्रवृत्ति में बढो़तरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में अपनी सेवा उन्होंने आगे बढक़र दी है और अब भी कोरोना यूनिट में वे अपनी डयूटी कर रहे हैं। उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षकों द्वारा भी बातचीत की पहल नहीं किए जाने पर निराशा जतायी है।

उधर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य के सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अबतक कई मरीजों के ऑपरेशन की तिथि को टाला जा चुका है। भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में छात्रों ने दो बार ओपीडी बंद करा दिया, जिससे यहां इलाज के लिए आये करीब 500 मरीज बिना इलाज लौट गये। खबर है कि छात्रों ने इंडोर व कोरोना ड्यूटी से भी इनकार कर दिया है।

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