नीतीश बोले- डीजीपी करेंगे उच्चाधिकारियों से बात, पटना सिटी एसपी को 'जबरन' किया गया था क्वारन्टीन

सुशांत मौत मामले की जांच करने मुंबई गए पटना के सिटी एसपी को रविवार की देर रात बीएमसी द्वारा जबरन क्वारन्टीन कर दिए जाने का मामला सामने आया था। इसी पर मुख्यमंत्री अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

Update: 2020-08-03 06:46 GMT
File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच करने मुंबई गए पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को 'जबरन' क्वारन्टीन किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारे डीजीपी वहां के अधिकारियों के साथ बात करेंगे। उन्होंने इसे राजनैतिक बात नहीं बताई है।

मुख्यमंत्री ने कहा 'जो हुआ वह ठीक नहीं। यह राजनैतिक नहीं है, बिहार पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही है। हमारे डीजीपी वहां के अधिकारियों से बात करेंगे।'


इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत मौत के केस की जांच करने मुंबई गए बिहार कैडर के आईपीएस ऑफिसर व पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को रविवार की रात मुंबई बीएमसी ने जबरन क्वारन्टीन कर दिये जाने का मामला सामने आया था।

वहीं इस मामले में बीएमसी की सफाई भी सामने आई है। बीएमसी ने कहा है कि घरेलू उड़ानों से आनेवाले यात्रियों के लिए लागू नियम के आधार पर ही ऐसा किया गया है, चूंकि उन्हें 7 दिनों से अधिक समय तक रुकना था।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बीएमसी के इस तर्क पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा 'बिहार पुलिस के चार पदाधिकारी पहले से मुंबई में जांच कर रहे हैं, वे भी फ्लाइट से ही गए थे, पर उन्हें क्वारन्टीन नहीं किया गया। अब जब हमारे एसपी ने वहां जाकर जांच शुरू की, तो इसका हवाला देकर क्वारन्टीन कर दिया गया?

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने रविवार की देर रात खुद ट्विट कर इस घटना की जानकारी दी थी। ट्विट में उन्होंने लिखा था 'आज आईपीएस विनय तिवारी ऑफिशियल ड्युटी पर मुंबई पहुंचे। वे जांच के लिए बिहार से गई पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए गए थे, पर बीएमसी के अधिकारियों द्वारा उन्हें आज रात 11 बजे जबरदस्ती क्वारन्टीन कर दिया गया। उनके अनुरोध के बावजूद उन्हें आईपीएस मेस में ठहरने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में ठहराया गया।'

इससे पहले बिहार पुलिस के जांच दल को वहां वाहन आदि भी उपलब्ध नहीं कराए गए थे, न ही मुंबई पुलिस द्वारा कोई सहयोग दिया जा रहा था। इसे लेकर बिहार के डीजीपी ने मुंबई पुलिस से सहयोग की अपील की थी।

डीजीपी ने रविवार की सुबह कहा था कि बिहार से गयी पुलिस टीम को अभी तक न तो एफआईआर की कॉपी दी गई है, न पोस्टमार्टम रिपोर्ट की। न ही सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया गया है। हालांकि उन्होंने केस को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही थी।

इससे पहले मुंबई गई बिहार पुलिस की टीम को 31 जुलाई की शाम मुंबई पुलिस ने मीडिया से बात करने से रोक दिया था। मुंबई पुलिस के कर्मी बिहार पुलिस के अधिकारियों को बात करने से रोकते हुए पुलिस वैन में जबरन बैठा कर कहीं और लेकर चले गए थे। इस दौरान वहां कवरेज करने पहुंचे पत्रकार मुंबई पुलिस से यह कहते रहे कि ये कोई अपराधी थोड़े हैं, ये पुलिस हैं, लेकिन उसका मुंबई पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ था। इसके बाद मुंबई मुलिस के इस व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

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