Bikru Kand : सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की खुशी दुबे की याचिका, योगी सरकार को जारी किया नोटिस

कानपुर देहात की अदालत में प्राथमिक सुनवाई के दौरान नाबालिग करार दिए जाने पर उसे जेल से राजकीय संप्रेक्षण गृह बाराबंकी शिफ्ट कर दिया गया था...

Update: 2021-09-16 09:47 GMT

Khushi Dubey (file photo)

जनज्वार, कानपुर। यूपी का बहुचर्चित बिकरू कांड (Bikru Case) मामले में अमर दुबे की नाबालिक पत्नी की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वीकार कर लिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए पक्ष मांगा है।

इस मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी की ओर से याचिका दाखिल की और सुनवाई को लेकर बहस की। अब राज्य सरकार का पक्ष आने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ अपना फैसला सुनाएगी।

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गौरतलब है कि, कानपुर के चौबेपुर थाना स्थित बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे (Gaingster Vikas Dubey) की गैंग ने दबिश देने आई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस मुठभेड़ में बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत गिरोह के सात बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसमें विकास दुबे का खास गुर्गा अमर दुबे भी हमीरपुर में मारा गया था।

चौबेपुर पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार करके साजिश में शामिल होने तथा फर्जी दस्तावेज से मोबाइल सिम लेने आदि मामलों में मुकदमे दर्ज किए थे। कानपुर देहात की अदालत में प्राथमिक सुनवाई के दौरान नाबालिग (Juvenile) करार दिए जाने पर उसे जेल से राजकीय संप्रेक्षण गृह बाराबंकी शिफ्ट कर दिया गया था। इसके साथ उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए भेज दिया गया था। बीते दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

पॉलिटिकल पार्टियों की हमदर्दी

घटना के तीन दिन पहले अमर दुबे की शादी हुई थी और बहू घर आई थी। इसके बाद अमर दुबे के एनकाउंटर (Encounter) में मारे जाने और पुलिस द्वारा उसकी पत्नी की गिरफ्तारी की गई थी। बिकरू कांड की न्यायिक जांच पूरी होने और अदालत की कार्यवाहियां शुरू होने के बाद राजनीतिक दल के नेताओं ने अमर दुबे की पत्नी के प्रति हमदर्दी जतानी शुरू कर दी। 

बसपा (BSP) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा (Satish Mishra) ने सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता की पैरवी करने की इच्छा जाहिर की थी। वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कराने के लिए सहयोग का दावा किया था।

कौन हैं याचिका दाखिल करने वाले विवेक तंखा?

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा (Vivek Tankha) की ओर से नाबालिग आरोपित की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी गई। नाबालिग आरोपित के स्थानीय अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की दो सदस्यीय खंडपीठ ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की।

आरोपित पक्ष की ओर से अधिवक्ता विवेक तंखा ने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार (up govt.) को जमानत देने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश किया है। सरकार द्वारा पक्ष रखने के बाद कोर्ट फैसला सुनाएगी।

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