बीजेपी ने नीतीश को दिया बड़ा झटका, जेडीयू के छह विधायक भाजपा में शामिल

उल्लेखनीय है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार साल 2015 से 2017 के बीच की लगभग डेढ़ वर्ष की अवधि को छोड़कर पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ है...

Update: 2020-12-25 08:48 GMT

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जनज्वार। एनडीए के घटक और बिहार में मिलकर सरकार चलाने वाली जेडीयू को बीजेपी ने बड़ा झटका दे दिया है। अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात में से छह विधायक गुरुवार को सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के एकमात्र विधायक ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार साल 2015 से 2017 के बीच की लगभग डेढ़ वर्ष की अवधि को छोड़कर पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ है। इस साल भी दोनों दलों ने मिलकर बिहार चुनाव लड़ा था और एक बार फिर से सत्ता में वापस आए थे।

अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के विधायक तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी, दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोंग्रु सियोंग्जु, कांगोंग ताकू. वहीं पीपीए विधायक का नाम कर्डो न्याग्योर गुरुवार को बीजेपी में शामिल हुए हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 7 सीटें जीतीं थी। साथ ही वो बीजेपी के बाद राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 41 सीटें जीतीं थीं।

जेडीयू और पीपीए के सात विधायकों के बीजपी में शामिल होने के बाद अब 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में बीजेपी के कुल 48 विधायक हो गए हैं। इसके अलावा जेडीयू के पास 1 विधायक बच गया है, वहीं अरुणाचल प्रदेश के सदन में कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार-चार विधायक हैं।

इससे पहले विगत 26 नवंबर को जेडीयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सिओनगजू, धर्म और ताकू को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया था।

गौरतलब है कि बीजेपी और जेडीयू बिहार में मिलकर सरकार चलाते रहे हैं, लेकिन बिहार के बाहर अकेले दम पर चुनाव लड़ते हैं। जेडीयू बंगाल चुनावों में भी उतरने वाली है और पार्टी ने पश्चिम बंगाल की 75 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

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