Bilkis Bano के समर्थन में उतरीं भाजपा नेता Khushboo Sundar, दोषियों की रिहाई का किया विरोध, कहा – ' बिलकिस के साथ न हो अन्याय '
Bilkis Bano Gangrape Case : गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो मामले के दोषियों को छोड़ने के मसले पर जहां भाजपा नेता बोलने से बच रहे हैं, वहीं खुशबू सुंदर ( Khushboo Sunder ) ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर सबको चौंका दिया है। खुशबू भाजपा ( BJP ) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं।
Bilkis Bano Gangrape Case : बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में गुजरात सरकार ने सभी 11 आरोपियों को कानून का हवाला देते हुए रिहा कर दिया। इस मसले में भाजपा ( BJP ) के अधिकांश नेता चुप्पी साधे हुए हैं। यहां तक कि महिला नेता भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। इस बीच भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य व दक्षिण भारत की लोकप्रिय अभिनेत्री खुशबू सुंदर ( Khushboo Sunder ) का खुलकर बिलकिस ( Bilkis Bano ) के समर्थन में आना चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा है कि सरकार को यह तय करना होगा कि बिलकिस को न्याय मिले, उसके साथ अन्याय न हो।
राजनीति और विचारधारा से उठकर बिलकिस को न्याय मिलना जरूरी
सही फैसला खुशबू सुंदर ( Khushboo Sunder ) का यह बयान उस समय आया है जब बिलकिस गैंगरेप के 11 दोषियों को छोड़ने के गुजरात सरकार के फैसले पर भाजपा की महिला पदाधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। अभिनेत्री और भाजपा नेता खुशबू सुंदर ( Khushboo Sunder ) ने एक ट्वीट में कहा कि बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ, वह प्रताड़ित की गईं और वह बेहद डरी हुई हैं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। इस कांड में शामिल किसी भी शख्स को मुक्त नहीं करना चाहिए। खुशबू यहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी दोषी को ऐसे छोड़ा जाता है तो यह मानवता को शर्मसार करने वाला फैसला है। यह महिलाओं के सम्मान के प्रति समझौता है। बिलकिस बानो ( Bilkis Bano ) हो या कोई और महिला, राजनीति और विचारधारा से ऊपर उठकर उसे न्याय मिलना चाहिए।
अपराधियों के कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता : फडणवीस
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी दोषियों की रिहाई के बाद उनके स्वागत को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से फूल माला के साथ दोषियों का स्वागत किया गया उसे किसी भी स्तर से उचित नहीं ठहराया जा सकता। अपराधी तो अपराधी ही होता है और उसके कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
सियासी चश्में से देखने की जरूरत नहीं
दूसरी तरफ भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाती श्रीनिवासन ने कहा कि दोषियों को छोड़ने के गुजरात सरकार फैसले का लगभग समर्थन करती हुईं कहा है कि सियासी चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है। श्रीनिवासन ने कहा कि सरकार को जो अधिकार दिए गए हैं, उन्हीं का प्रयोग करके दोषियों को रिहा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
दोषियों के अभिनंदन को कैसे कह दें सही
Bilkis Bano Gangrape Case : बिलकिस गैगरेप मामले में दोषियों को 14 साल पहले सजा सुनाने वाले जज ने 23 अगस्त को कहा कि सजा से माफी देना सरकार की शक्तियों के दायरे में आता है लेकिन कसूरवारों का जिस तरह से कुछ लोगों ने अभिनंदन किया वह गलत था जस्टिस यूडी साल्वी ने यूनाइटेड अगेंस्ट इंजस्टिस एंड डिस्क्रिमिनेशन की ओर से आयोजित सॉलिडैरिटी विद बिलकिस बानो नामक कार्यक्रम में कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ खास किया था। उन्हें दोषी ठहराकर सजा सुनाना मेरा कर्तव्य था। राज्य के पास माफी का अधिकार होता है। मैं, दोषियों को वक्त से पहले रिहा किए जाने के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन उनका अभिनंदन बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं थी। दोषियों को भी यह अभिनंदन स्वीकार नहीं करना चाहिए था। यह सब कैसे हुआ, ये विचारणीय प्रश्न है।कोर्ट ने 2011 में दोषियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा
बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान रंधिकपुर गांव में तीन मार्च 2002 को बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी। इस मामले में साल 2008 में सीबीआई कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।