Meerut News: भाजपा लीडर्स के पास दिये कितने जले उसकी गिनती है लेकिन आदमी कितने मरे उसकी गिनती क्यों नहीं निकलती?

भाजपा नेताओं और खुद उनके मुखियाओं ने यही बताया कि कोरोना के दौरान एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई और न ही इस संबंध में उनके पास कोई आंकड़े ही हैं...

Update: 2022-01-02 14:33 GMT

मेरठ में जलाए गये 10 लाख दिये (image/abplive)

Meerut News: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आगमन को लेकर मेरठ के सरधना विधानसभा में अनोखे तरीके से तैयारी की गई। इस मौके पर सरधना विधायक संगीत सोम ने बताया की पूरी सरधना विधानसभा में लगभग 10 लाख दीए जलाए जाएंगे। जिस तरीके से श्रीराम के आने से पहले अयोध्या को दीपों से सजाया गया था, उसी तरीके से पीएम मोदी के सरधना विधानसभा की रैली में आने की पूर्व संध्या पर पूरी सरधना विधानसभा को दीयों से सजाया जाएगा।

आपको बता दें कि इससे पहले दीपावली में अयोध्या (Ayodhya) में 12 लाख दिये जलाए गए थे जिसमें 36 हजार लीटर सरसों का तेल फूंका गया था। रात को इन्हीं दियों से कुछ महिलाएं और बच्चे यह बहता हुआ तेल समेत रहे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इससे पहले भी कई एक जगहों पर दिये जलाए गए जिसकी संख्या और तेल की बर्बादी को इवेंट की तरह दर्शाया गया था।

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अब उन लोगों की जरा बात कर ली जाए जो लोग कोविड-19 की त्रासदी के दौरान भगवान को प्यारे हो गए। भाजपा नेताओं और खुद उनके मुखियाओं ने यही बताया कि कोरोना के दौरान एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई और न ही इस संबंध में उनके पास कोई आंकड़े ही हैं। जबकि कोरोना महामारी के दौरान जो विचलित कर देने वाली तस्वीरें देखी गईं वह पूरी दुनियां में छाई रहीं।

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ने बीते दिन भी कहा कि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। इस बात का जवाब जनता से जाकर पूछने पर पता चलता है कि देश मे असल हालात क्या रहे थे। जनज्वार ने कई दफा जनता के बीच जाकर इन बातों को रखा तो हर बार हमें सरकार और उसकी मशीनरी का निम्नस्तरीय चेहरा देखने को मिला।

कोरोना त्रासदी के दौरान जिन्होंने अपने अपनो को खोया वही इस दर्द को बखूबी समझ सकते हैं। सरकार तो दिये कि गिनती करने में मशरूफ है। जिसके चलते कितने दिये और कितना तेल जलाया गया यह आंकड़ों के साथ बताया जाता है, जिससे जनता धर्म कर्म में डूबकर सबकुछ भूल सके। क्योंकि भगवान तो एक दिये को जलाने से भी खुश हो सकते हैं, उन्हें भाजपा के इवेंट सरीखे कार्यक्रमों से क्या मतलब।

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