BJP के महाराज सिंधिया का ग्वालियर में भारी अपमान, NSUI नेता ने भेंट किया बेशरम का फूल और धिक्कार पत्र
सिंधिया को लगा कोई समर्थक होगा। जैसे ही उन्होंने कार का ग्लास नीचे किया सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। तत्काल एनएसयूआई नेता सचिन ने सिंधिया को बेशर्म के फूल और धिक्कार पत्र सौंप दिया...
जनज्वार ब्यूरो, ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को शनिवार सुबह विरोध का सामना करना पड़ा। दिल्ली के लिए निकलने से पहले गोला का मंदिर चौराहा पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उनको घेर लिया। अचानक कार के सामने आए कार्यकर्ताओं को देखकर उनको गाड़ी रोकनी पड़ी।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सिंधिया को धिक्कार पत्र सहित बेशरम के फूल भेंट किए। पत्र में लिखा था जब लोग कोरोना से मर रहे थे तब आप कहां थे। इसके बाद धिक्कार पत्र को पढ़ते ही सिंधिया का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। उन्होंने गाड़ी का कांच चढ़ाया और निकल गए।
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन दिन के अंचल के दौरे पर थे। कोविड की दूसरी लहर के बाद किसी भी नेता का यह अंचल में पहला दौरा था। पूरे कोरोना काल में गायब रहने पर सिंधिया का विरोध पहले से ही हो रहा था, लेकिन उनके दौरे के तीन दिन सुरक्षा व्यवस्था काफी चौकस थी। पुलिस किसी भी संदिग्ध को उनके पास नहीं जाने दे रही थी।
पुलिस ने 2 दिन में कुछ ऐसे लोगों को नजरबंद भी किया था जो हरकत कर सकते थे। इनमें एनएसयूआई के नेता अधिक थे। शुक्रवार 11 जून को एनएसयूआई नेता वंश माहेश्वरी को पुलिस ने नजरबंद कर लिया था। एनएसयूआई के प्रमुख नेता सचिन द्विवेदी को तलाश किया जा रहा था। तीन दिन विरोध से बचते हुए सिंधिया ग्वालियर में रहे, लेकिन शहर छोड़ने से पहले उनको विरोध का सामना करना ही पड़ा।
आज शनिवार 12 जून की सुबह साढ़े बजे जैसे ही सिंधिया अपनी कार से सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली के लिए रवाना हुए तो गोला का मंदिर पर एनएसयूआई कार्यकर्ता नेता सचिन कुमार के नेतृत्व में एकत्रित हो गए। गोला का मंदिर चौराहा पर सिंधिया की कार आते ही इन्होंने कार को घेर लिया और अचानक सामने खड़े हो गए।
सिंधिया को लगा कोई समर्थक होगा। जैसे ही उन्होंने कार का ग्लास नीचे किया सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। तत्काल एनएसयूआई नेता सचिन ने सिंधिया को बेशर्म के फूल और धिक्कार पत्र सौंपा।
एनएसयूआई नेता सचिन ने बताया कि 'उन्होंने बेशरम का फूल दिया है। यह वह फूल होता है जो कहीं भी किसी भी हालत में उग जाता है। इसलिए इसे बेशरम कहा जाता है। साथ ही धिक्कार पत्र दिया है। इसमें पूछा गया है कि जब कोरोना संक्रमण से लोग मर रहे थे तब आप कहां थे।'
सचिन ने आगे कहा कि 'जैसे ही कोरोना वायरस चला गया तो आप ग्वालियर-चंबल और भोपाल में दिखने लगे। घर-घर जाकर लोगों की मौत का मजाक उड़ा रहे है। आप राजनीति में भी अवसर तलाश रहे हैं।'