पटना के सिटी एसपी को मुंबई में बीएमसी ने 'जबरन' किया क्वारन्टीन, गए थे सुशांत केस की जांच करने

सुशांत मौत मामले में उनके पिता द्वारा पटना में एफआईआर दर्ज कराए जाने और बिहार पुलिस द्वारा इसकी जांच शुरू किए जाने के बाद से ही ऐसी घटनाएं लगातार हो रहीं हैं। 31 जुलाई को भी मुंबई पुलिस द्वारा पटना के पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित दुर्व्यवहार की खबरें आम हुईं थीं।

Update: 2020-08-03 01:30 GMT

File photo:Sushant singh rajput

जनज्वार ब्यूरो, पटना। सुशांत सिंह राजपूत मौत के केस की जांच को जबसे बिहार पुलिस ने अपने हाथ मे लिया है, मुंबई पुलिस द्वारा असहयोग और उनके साथ बुरे व्यवहार की खबरें सुर्खियां बन रहीं हैं। 31 जुलाई को मुंबई क्राइम ब्रांच ऑफिस के बाहर मीडिया के सामने बिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ मुंबई पुलिस द्वारा किए गए व्यवहार पर अभी चर्चा चल ही रही थी कि अब रविवार को केस की जांच करने मुंबई गए बिहार कैडर के आईपीएस ऑफिसर व पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को मुंबई बीएमसी ने जबरन क्वारन्टीन कर दिया।

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने रविवार की देर रात खुद ट्विट कर इस घटना की जानकारी दी है। ट्विट में उन्होंने लिखा 'आज आईपीएस विनय तिवारी ऑफिशियल ड्युटी पर मुंबई पहुंचे। वे जांच के लिए बिहार से गई पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए गए थे, पर बीएमसी के अधिकारियों द्वारा उन्हें आज रात 11 बजे जबरदस्ती क्वारन्टीन कर दिया गया। उनके अनुरोध के बावजूद उन्हें आईपीएस मेस में ठहरने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में ठहराया गया।'


इससे पहले बिहार पुलिस के जांच दल को वहां वाहन आदि भी उपलब्ध नहीं कराए गए थे, न ही मुंबई पुलिस द्वारा कोई सहयोग दिया जा रहा था। बिहार के डीजीपी ने मुंबई पुलिस से सहयोग की अपील भी की थी।

डीजीपी ने रविवार की सुबह कहा था कि बिहार से गयी पुलिस टीम को अभी तक न तो एफआईआर की कॉपी दी गई है, न पोस्टमार्टम रिपोर्ट की। न ही सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया गया है। हालांकि उन्होंने केस को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही थी।

इससे पहले मुंबई गई बिहार पुलिस की टीम को 31 जुलाई की शाम मुंबई पुलिस ने मीडिया से बात करने से रोक दिया था। मुंबई पुलिस के कर्मी बिहार पुलिस के अधिकारियों को बात करने से रोकते हुए पुलिस वैन में जबरन बैठा कर कहीं और लेकर चले गए थे। इस दौरान वहां कवरेज करने पहुंचे पत्रकार मुंबई पुलिस से यह कहते रहे कि ये कोई अपराधी थोड़े हैं, ये पुलिस हैं, लेकिन उसका मुंबई पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ था। इसके बाद मुंबई मुलिस के इस व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

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