तेलंगाना में कोरोना से मृत व्यक्ति के शव को दफनाने के लिए खुले तौर पर ऑटो से ले जाया गया
सरकारी व्यवस्था इतनी लचर है कि लोग कोरोना जैसी बीमारी से मौत होने पर भी घंटों एंबुलेंस का इंतजार करने को तैयार नहीं हैं...
जनज्वार। तेलंगाना के निजामाबाद में कोरोना वायरस से मृत एक व्यक्ति के शव को दफनाने के लिए अस्पताल से कब्रगाह तक ऑटो रिक्शा पर ले कर जाना पड़ा। निजामाबाद गवर्नमेंट हास्पिटल में एक 50 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, इसके बाद उनके परिवार से एंबुलेंस मिलने में हो रहे विलंब के कारण इसके लिए और इंतजार करना उचित नहीं माना है और ऑटो का सहारा लिया।
शव को अस्पताल से कब्रिस्तान तक ले जाने में कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन नहीं किया गया। नियमतः मेडिकल स्टाॅफ की निगरानी में और एंबुलेंस में शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना होता है ताकि दूसरों में संक्रमण का खतरा न्यूनतम हो। इस घटना की जो तसवीरों आयी हैं उसमें ऑटो चालक पिछली सीट के नीचे शव को रखे हुए दिख रहा है और शव का हिस्सा दोनों ओर से बाहर निकला हुआ है।
कोरोना से संक्रमित व्यक्त व्यक्ति को 27 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 10 जुलाई को उसका इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उसके बाद ऐसे हालात उत्पन्न हुए।
इस संबंध में अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डाॅ नागेश्वर राव ने कहा कि मृतक का एक रिश्तेदार हमारे अस्पताल में काम करते हैं, उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद उन्होंने हमसे शव देने को कहा, वे एंबुलेंस का इंतजार करने को तैयार नहीं थे। इसलिए हमने उन्हें शव दे दिया। इसके बाद वह एक और व्यक्ति जो हमारे अस्पताल में ही काम करता है उसकी मदद से शव को ले गया।