Brahmeshwar Mukhiya Murder Case : ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह पर किया गया जानलेवा हमला, पुलिस की जांच जारी
Brahmeshwar Mukhiya Murder Case : रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह की बिहार की राजधानी पटना में हत्या की कोशिश की गई लेकिन हत्यारे इस वारदात को अंजाम देने में नाकाम हो गए...
Brahmeshwar Mukhiya Murder Case : रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह की बिहार की राजधानी पटना में हत्या की कोशिश की गई लेकिन हत्यारे इस वारदात को अंजाम देने में नाकाम हो गए। बता दें कि यह सब कुछ पटना से सटे दानापुर में हुआ है। इस केस में दानापुर थाने में लिखित शिकायत दी गई है, जिसकी पुलिस छानबीन कर रही है। बड़ी बात यह है कि इस चश्मदीद पर पहले भी जानलेवा हमला हो चुका है। बता दें कि ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में भोजपुर जिले में शाहपुर के रहने वाले ओम नारायण शर्मा पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले भी उनकी हत्या की कोशिश की गई थी। हाल ही में ओम नारायण शर्मा का बिहार के एक नेता के साथ फोन पर का ऑडियो वायरल हुआ था।
जानिए हमले का पूरा घटनाक्रम
शाहपुर के रहने वाले और ब्रह्मोश्वर मुखिया हत्याकांड के चश्मदीद गवाह ओम नारायण शर्मा ने दानापुर थाने में दिए गए एप्लीकेशन में लिखा है कि 'मैं बुधवार की शाम अपनी गाड़ी से दानापुर से गुजर रहा था। इसी दौरान टेंपो स्टैंड के पास दो बाइक पर सवार चार लोगों ने मुझे निशाना बनाकर कट्टे से गोली चलाने की कोशिश की लेकिन उनकी पिस्तौल से फायर नहीं हो सका। इस दौरान मुझे बचाने के लिए मेरी सिक्योरिटी में लगे सुरक्षाकर्मी ने 2 राउंड हवाई फायरिंग की। कोशिश नाकाम होते देख हमलावर मौके से फरार हो गए।
मामले में पुलिस की जांच जारी
वहीं संबंधित थानेदार कमलेश्वर प्रसाद सिंह के अनुसार ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के गवाह ओम नारायण शर्मा पर हमले की तफ्तीश की जा रही है लेकिन उसमें यह पता चला है कि उनकी गाड़ी से एक ऑटो टकराया और इसके बाद ओम नारायण शर्मा की तरफ से फायरिंग की गई। जांच में पहली नजर में यही मामला सामने आया है लेकिन अभी आगे की जांच जारी है।
2012 में हुई थी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या
बता दें कि 1 जून 2012 की सुबह भोजपुर जिले के खोकरिया गांव के रहने वाले ब्रह्मेश्वर मुखिया शहर के कतीरा इलाके में अपने आवास के बाहर सुबह की सैर पर निकले थे। इसी दौरान हथियारबंद अपराधियों ने उन्हें रोककर पांच गोलियां मारीं। इस हत्याकांड के बाद यह मामला भोजपुर से लेकर पटना तक सुलग गया। स्थिति ऐसी हो गई थी कि आरा शहर पुलिस के हाथ से निकलता दिख रहा था। मुख्य समर्थकों ने सारा शहर और कानून अपने हाथ में ले लिया था। कई सरकारी गाड़ियां फूंक दी गई थी। इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दे दिया गया था लेकिन अभी ब्रह्मेश्वर मुखिया के कातिलों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है।