Breaking News : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राजीव गांधी के सभी हत्यारे होंगे रिहा
Supreme court News : शीर्ष अदालत ने दोषियों नलिनी श्रीहर, रॉबर्ट पेस, रविचंद्रन, सुथेनथिरा राजा उर्फ संथान, श्रीहरन उर्फ मुरुगन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने शुक्रवार को राजीव गांधी हत्याकांड ( Rajiv Gandhi assassination ) के सभी छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने दोषियों नलिनी श्रीहर, रॉबर्ट पेस, रविचंद्रन, सुथेनथिरा राजा उर्फ संथान, श्रीहरन उर्फ मुरुगन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अपीलकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि किसी अन्य मामले में इसकी आवश्यकता नहीं है तो वे स्वतंत्र हैं।
राजीव गांधी हत्या ( Rajiv Gandhi murder case ) मामले के सजायाफ्ता आरोपी नलिनी श्रीहरन व रविचंद्रन ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) का रुख किया था। 11 नवंबर को सुनवाई के बाद जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा कि दोषी पेरानीवलन की रिहाई का आदेश इस मामले में अन्य दोषियों पर भी लागू होता है, इसलिए सभी को रिहा करने का आदेश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। उन्होंने जेल में 30 साल से अधिक सजा काटी थी। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अब तक राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है, ऐसे में हम अपना आदेश सुना रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब नलिनी श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को रिहा किया जाएगा।
राजीव गांधी हत्याकांड मामले के सातों दोषियों ने समय से पहले जेल से रिहाई की मांग की थी। तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि 9 सितंबर, 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में उसने मामले में सात दोषियों की दया याचिकाओं पर विचार किया था। राज्यपाल से अपनी शक्तियों का प्रयोग करके उनकी आजीवन कारावास की सजा में छूट की सिफारिश की थी। हलफनामें में कहा गया था कि श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, एजी पेरारिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने 23 साल से अधिक समय जेल में बिताया है। राज्य सरकार ने कहा था कि वह अनुच्छेद 161 के तहत श्रीहरन और रविचंद्रन द्वारा दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए सक्षम है।
कांग्रेस ने क्यों कहा फैसला भारत की भावना के अनुकूल नहीं
पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या मामले के सभी आरोपियों को जेल से रिहा करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और गलत है। कांग्रेस इस निर्णय की आलोचना करती है। रमेश ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
Supreme Court News : बता दें कि 21 मई 1991 को एक पब्लिक रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या हुई थी। उस दिन एक महिला के माला पहनाते ही धमाका हुआ था। उस हादसे में पूर्व पीएम राजीव गांधी सहित 18 लोगों की मौत हुई थी। जांच एजेंसी ने 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें 12 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन फरार हो गए थे। बाकी 26 पकड़े गए थे। इसमें श्रीलंकाई और भारतीय नागरिक शामिल थे। फरार आरोपियों में प्रभाकरण, पोट्टू ओम्मान और अकीला थे। आरोपियों पर टाडा कानून के तहत कार्रवाई की गई। सात साल तक चली कानूनी कार्यवाही के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट ने हजार पन्नों का फैसला सुनाया। इसमें सभी 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने 26 में से 19 दोषियों को पहले ही रिहा कर दिया गया था। सिर्फ 7 दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा गया था। आज उन्हें भी रिहा कर दिया गया।