Breaking : सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कर्मचारियों की पेंशन बरकरार, इस योजना में शामिल होने की आखिरी तिथि भी बढ़ाई
Supreme Court decision on EPF Pension Scheme : अदालत के फैसले के मुताबिक जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है वो आगामी 6 महीने में इसका हिस्सा बन सकते हैं।
Supreme Court decision on EPF Pension Scheme : सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 ( Employees Pension (Amendment) Scheme 2014 ) के प्रावधानों को कानूनी और वैध माना है। जहां तक पीएम निधि के नये सदस्यों को राहत देते हुए अदालत ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना ( EPF Pension ) में शामिल होने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है, उन्हें ऐसा करने के लिए 6 महीने का और मौका ( last date extended for six month ) दिया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जो कर्मचारी पेंशन स्कीम ( EPF Pension Scheme ) में शामिल होने के हकदार थे, पर किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं कर पाये उन्हें एक अतिरिक्त अवसर दिया जाना चाहिए। इस मसले पर हाईकोर्ट के फैसले में स्थिति स्पष्ट नहीं थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने स्थिति को स्पष्ट कर्मचारियों को पेंशन स्कीम में शामिल होने का मौका दे दिया है।
अदालत ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 ( Employees Pension (Amendment) Scheme 2014 ) की योजना में शामिल उस शर्त को अमान्य करार दिया जिसमें कर्मचारियों का 15 हजार रुपये से अधिक के वेतन पर 1.16 प्रतिशत की दर से योगदान करना जरूरी बताया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और केंद्र सरकार द्वारा केरल, राजस्थान और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुनवाई के बाद दिया है। तीनों हाईकोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को रद्द कर दिया था।
वहीं आरसी गुप्ता बनाम क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त मामले में SC की एक खंडपीठ ने माना था कि विकल्प के प्रयोग के लिए कोई कट-ऑफ तारीख नहीं हो सकती है। इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
EPF Pension Scheme : अपने ताजा फैसले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court decision on EPF Pension Scheme ) ने पेंशन योग्य अधिकतम वेतन को 6500 से बढ़ाकर 15000 रुपये प्रति माह कर दिया है। इस अनुरूप कर्मचारियों को वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन का भुगतान करने की इजाजत दी है।