Bulldozer Plant Inauguration : बुलडोजर को मानने वाले चरखा कैसे चला सकते हैं? बोरिस जॉनसन को JCB से इतना प्रेम क्यों
Bulldozer Plant Inauguration : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अपने दौरे के पहले दिन गुजरात पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद स्थित साबरमति आश्रम का दौरा किया, इसी दौरान बोरिस जॉनसन गुरुवार को वडोदरा के हलोल पहुंचे जहां उन्होंने एक बुलडोजर प्लांट का उद्घाटन किया.....
Bulldozer Plant Inauguration : देश में इस समय जब बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) पर रोक लगा चुका है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन देखने को मिला था। विपक्ष के नेताओं की ओर से आरोप लग जा रहे हैं कि एक समुदाय विशेष के घरों पर ही बुलडोजर से कार्रवाई की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे समय दो दिवसीय भारत दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson India Visit) का बुलडोजर प्रेम सामने आया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अपने दौरे के पहले दिन गुजरात पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद स्थित साबरमति आश्रम का दौरा किया। इसी दौरान बोरिस जॉनसन गुरुवार को वडोदरा के हलोल पहुंचे जहां उन्होंने एक बुलडोजर प्लांट का उद्घाटन किया। जेसीबी प्लांट ब्रिटिश मूल की ही एक नामी कंपनी द्वारा बनाया गया है। प्रधानमंत्री जॉनसन ने जेसीबी बुलडोजर फैक्ट्री के 6वें प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने बुलडोजरों का निरीक्षण भी किया।
सोशल मीडिया पर उनका यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। दक्षिणपंथी ट्रोलर्स जहां उनके इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ बुलडोजर एक्शन के बीच जेसीबी प्लांट के उद्घाटन को लेकर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। स्वीडन स्थित उप्पाला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कनफ्लिक्ट रिसर्च के प्रोफेसर अशोक स्वेन ने अपने ट्वीट में पूछा- बुलडोजर भारत में जब दक्षिणपंथी शासन द्वारा अल्पसंख्यक मुसलमानों के दमन का प्रतीक बन गया है तो क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन बुलडोर की सवारी करके भारत के इस्लामाफोबिया को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं?
देश के मुसलमानों के खिलाफ विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले सुदर्शन न्यूज के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने अपने ट्वीट में लिखा- बोरिस जॉनसन का हिंदुस्थान में आकर बुलडोजर की सवारी करना मुसलमानों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है- एक धर्मनिरपेक्ष की प्रतिक्रिया।
एक ट्विटर यूजर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने लिखा- बोरिस जॉनसन ने चरखा भी चलाया.. और बुलडोजर पर भी चढ़ बैठे। कूटनीति और कुछ नहीं..बिजनेस का अपग्रेडेड वर्जन है। वैसे वो दिन दूर नहीं जब लोग गाड़ियों की जगह बुलडोजर खरीदकर मोहल्लों में पार्क करने लगेंगे, लग्जरी की जगह बाहुबली गाड़ियों का चलन आता दिख रहा है।
रवींद्र जाटवाला नाम के यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा- लगता है बोरिस जॉनसन को भी ब्रिटेन में कुछ अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाना है..चेक करके देख रहे हैं कि ये बुलडोजर ब्रिटेन में भी अवैध अतिक्रमणों को तोड़ सकता है या नहीं।
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा- ब्रिटेन के पीएम भारत आए, गुजरात गए तो बुलडोजर में बैठ गए। देखिएगा, कहीं जहांगीरपुरी की तरफ न निकल लें बुलडोजर लेकर।
शमीम नाम के यूजर ने लिखा- बोरिस जॉनसन भारत आए हुए हैं, पहले वह बुलडोजर पर सवार होकर फोटो खिंचवाए, फिर साबरमती आश्रम में गांधी जी का चरखा चला रहे हैं। गांधी के मानने वाले चरखा को मानते हैं बुलडोजर को नहीं मान सकते हैं और बुलडोजर को मानने वाले चरखा कैसे चला सकते हैं?